परंतु इसलिए कि हम उनके लिए ठोकर का कारण न बनें, तू जाकर झील में काँटा डाल और जो मछली पहले आए उसे ले, और उसका मुँह खोलने पर तुझे एक सिक्का मिलेगा; उसे लेकर मेरी और अपनी ओर से उन्हें दे दे।”
2 कुरिन्थियों 6:3 - नवीन हिंदी बाइबल हम किसी के लिए ठोकर का कारण नहीं बनते, ऐसा न हो कि हमारी सेवा पर कोई दोष लगे, पवित्र बाइबल हम किसी के लिए कोई विरोध उपस्थित नहीं करते जिससे हमारे काम में कोई कमी आये। Hindi Holy Bible हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम किसी के मार्ग में रोड़े नहीं अटकाते, जिससे हमारे सेवा-कार्य पर कलंक न लगे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते ताकि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए। सरल हिन्दी बाइबल हमारा स्वभाव किसी के लिए किसी भी क्षेत्र में बाधा नहीं बनता कि हमारी सेवकाई पर दोष न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए। |
परंतु इसलिए कि हम उनके लिए ठोकर का कारण न बनें, तू जाकर झील में काँटा डाल और जो मछली पहले आए उसे ले, और उसका मुँह खोलने पर तुझे एक सिक्का मिलेगा; उसे लेकर मेरी और अपनी ओर से उन्हें दे दे।”
“परंतु जो कोई मुझ पर विश्वास करनेवाले इन छोटों में से किसी एक के भी ठोकर का कारण बनता है, उसके लिए अच्छा होता कि एक बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाकर समुद्र की गहराई में डुबा दिया जाता।
इससे न केवल हमारे व्यवसाय के बदनाम होने का खतरा है, बल्कि यह भी कि महान देवी अरतिमिस का मंदिर तुच्छ समझा जाएगा, और जिसे सारा आसिया और संसार पूजता है उसकी महानता भी जाती रहेगी।”
अतः अब से हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ, बल्कि यह निर्णय लें कि कोई अपने भाई के मार्ग में ठेस या ठोकर का पत्थर न रखे।
यदि दूसरे लोगों का तुम पर अधिकार है, तो क्या हमारा और अधिक नहीं? फिर भी हमने इस अधिकार का उपयोग नहीं किया, बल्कि हम सब कुछ सह लेते हैं, ताकि हमारे द्वारा मसीह के सुसमाचार में कोई रुकावट न आए।
निर्बलों के लिए मैं निर्बल बना कि निर्बलों को जीत सकूँ। मैं सब लोगों के लिए सब कुछ बना हूँ कि किसी न किसी प्रकार से कुछ का उद्धार करा सकूँ।
यह हमारा गर्व अर्थात् हमारे विवेक की साक्षी है कि हमने इस संसार में, विशेषकर तुम्हारे प्रति, शारीरिक ज्ञान के अनुसार नहीं बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के अनुसार, भक्तिपूर्ण खराई और सच्चाई से आचरण किया है।
हम इस बात से सावधान रहते हैं कि हमारे द्वारा इस उदारता के दान की सेवा के विषय में हम पर कोई दोष न लगाए;