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मत्ती 17:27 - नवीन हिंदी बाइबल

27 परंतु इसलिए कि हम उनके लिए ठोकर का कारण न बनें, तू जाकर झील में काँटा डाल और जो मछली पहले आए उसे ले, और उसका मुँह खोलने पर तुझे एक सिक्‍का मिलेगा; उसे लेकर मेरी और अपनी ओर से उन्हें दे दे।”

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पवित्र बाइबल

27 पर हम उन लोगों को नाराज़ न करें इसलिये झील पर जा और अपना काँटा फेंक और फिर जो पहली मछली पकड़ में आये उसका मुँह खोलना तुझे चार दरम का सिक्का मिलेगा। उसे लेकर मेरे और अपने लिए उन्हें दे देना।”

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Hindi Holy Bible

27 तौभी इसलिये कि हम उन्हें ठोकर न खिलाएं, तू झील के किनारे जाकर बंसी डाल, और जो मछली पहिले निकले, उसे ले; तो तुझे उसका मुंह खोलने पर एक सिक्का मिलेगा, उसी को लेकर मेरे और अपने बदले उन्हें दे देना॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 फिर भी हम उन लोगों के लिए बुरा उदाहरण न बनें; इसलिए तुम झील के किनारे जा कर बंसी डालो। जो मछली पहले फँसेगी, उसे पकड़ लेना और उसका मुँह खोलना। उसमें तुम्‍हें चाँदी का एक सिक्‍का मिलेगा। उसे ले लेना और मेरे तथा अपने लिए उन को दे देना।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 तौभी इसलिये कि हम उन्हें ठोकर न खिलाएँ, तू झील के किनारे जाकर बंसी डाल, और जो मछली पहले निकले, उसे ले; उसका मुँह खोलने पर तुझे एक सिक्‍का मिलेगा, उसी को लेकर मेरे और अपने बदले उन्हें दे देना।”

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सरल हिन्दी बाइबल

27 “फिर भी, ऐसा न हो कि वे हमसे क्रुद्ध हो जाएं, झील में जाओ, और अपना कांटा फेंक, जो पहले मछली पकड़ में आए उसका मुख खोलना. वहां तुम्हें एक सिक्का प्राप्‍त होगा. वही सिक्का उन्हें अपनी तथा मेरी ओर से कर-स्वरूप दे देना.”

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मत्ती 17:27
27 क्रॉस रेफरेंस  

हम किसी के लिए ठोकर का कारण नहीं बनते, ऐसा न हो कि हमारी सेवा पर कोई दोष लगे,


तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनुग्रह को तो जानते हो कि वह धनवान होने पर भी तुम्हारे लिए निर्धन बना ताकि तुम उसकी निर्धनता के द्वारा धनवान हो जाओ।


सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारी यह स्वतंत्रता निर्बलों के लिए ठोकर का कारण बन जाए।


इसलिए यदि भोजन मेरे भाई के लिए ठोकर का कारण बनता है, तो मैं कभी मांस नहीं खाऊँगा, ऐसा न हो कि मैं अपने भाई के लिए ठोकर का कारण बनूँ।


आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियाँ, और जितने जीव-जंतु समुद्रों में चलते फिरते हैं।


अच्छा तो यह है कि तू न मांस खाए और न दाखरस पीए और न ही ऐसा कार्य करे जिससे तेरे भाई को चोट पहुँचे।


हे मेरे प्रिय भाइयो, सुनो! क्या परमेश्‍वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि वे विश्‍वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी हों जिसकी प्रतिज्ञा उसने अपने प्रेम करनेवालों से की है?


और परमेश्‍वर ने उन्हें आशिष दी, और उनसे कहा, “फूलो-फलो और पृथ्वी में भर जाओ, और उसे अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर चलने-फिरनेवाले सब जीव-जंतुओं पर तुम्हारा अधिकार हो।”


हर प्रकार की बुराई से दूर रहो।


यीशु ने अपने मन में यह जानकर कि उसके शिष्य इस विषय पर कुड़कुड़ा रहे हैं, उनसे कहा,“क्या इससे तुम्हें ठोकर लगती है?


यदि तेरी दाहिनी आँख तेरे लिए ठोकर का कारण बनती है, तो उसे निकालकर अपने से दूर फेंक दे, क्योंकि तेरे लिए भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।


यदि तेरा दाहिना हाथ तेरे लिए ठोकर का कारण बनता है, तो उसे काटकर अपने से दूर फेंक दे, क्योंकि तेरे लिए भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।


उसने कहा, “परायों से।” यीशु ने उससे कहा,“तो फिर पुत्र कर-मुक्‍त हैं।


“परंतु जो कोई मुझ पर विश्‍वास करनेवाले इन छोटों में से किसी एक के भी ठोकर का कारण बनता है, उसके लिए अच्छा होता कि एक बड़ी चक्‍की का पाट उसके गले में लटकाकर समुद्र की गहराई में डुबा दिया जाता।


यदि तेरा हाथ या तेरा पैर तेरे लिए ठोकर का कारण बनता है, तो उसे काटकर अपने से दूर फेंक दे; लूला या लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए इससे अच्छा है कि तू दोनों हाथों या दोनों पैरों के रहते हुए अनंत आग में डाल दिया जाए।


“परंतु जो कोई मुझ पर विश्‍वास करनेवाले इन छोटों में से किसी एक के भी ठोकर का कारण बने तो उसके लिए अच्छा यही है कि एक बड़ी चक्‍की का पाट उसके गले में लटकाकर समुद्र में फेंक दिया जाए।


यदि तेरा हाथ तेरे लिए ठोकर का कारण बने तो उसे काट डाल; लूला होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए इससे अच्छा है कि तू दोनों हाथों के रहते हुए नरक में अर्थात् उस कभी न बुझनेवाली आग में डाल दिया जाए,


उसके लिए इन छोटों में से एक के भी ठोकर का कारण बनने से अच्छा होता कि एक चक्‍की का पाट उसके गले में लटकाकर समुद्र में डाल दिया जाता।


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