2 कुरिन्थियों 3:8 - नवीन हिंदी बाइबल तो फिर आत्मा की वाचा की सेवा और भी तेजोमय क्यों न होगी? पवित्र बाइबल फिर भला आत्मा से युक्त सेवा और अधिक तेजस्वी क्यों नहीं होगी। Hindi Holy Bible तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तो फिर पवित्र आत्मा का सेवाकार्य अधिक तेजोमय क्यों न होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? सरल हिन्दी बाइबल तो फिर आत्मा की वाचा और कितनी अधिक तेजोमय न होगी? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो आत्मा की वाचा और भी तेजोमय क्यों न होगी? |
यह बात उसने उस आत्मा के विषय में कही, जो उस पर विश्वास करनेवालों को मिलने वाला था, क्योंकि अब तक यीशु के महिमान्वित न होने के कारण आत्मा नहीं आया था।
क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मंदिर हो और परमेश्वर का आत्मा तुममें वास करता है?
क्योंकि यदि कोई आकर किसी अन्य यीशु का प्रचार करे जिसका प्रचार हमने नहीं किया था, या तुम्हें कोई और आत्मा मिले जो पहले नहीं मिली थी, या कोई और सुसमाचार जिसे तुमने ग्रहण नहीं किया था, तो तुम उसे भली-भाँति सह लेते हो।
उसने हमें उस नई वाचा का सेवक होने के योग्य भी बनाया, जो अक्षर की नहीं परंतु आत्मा की है, क्योंकि अक्षर तो मारता है, परंतु आत्मा जीवन देता है।
अब यदि मृत्यु की उस वाचा की सेवा जिसके अक्षर पत्थरों पर खोदे गए, इतनी तेजोमय थी कि इस्राएल की संतान उस तेज के कारण मूसा के मुँह की ओर एकटक देख न सकी जो घटता जा रहा था,
क्योंकि यदि दोषी ठहरानेवाली वाचा की सेवा तेजोमय थी, तो धर्मी ठहरानेवाली वाचा की सेवा और भी अधिक तेजोमय होगी।
ताकि अब्राहम की आशिष मसीह यीशु में गैरयहूदियों तक पहुँचे, और हम विश्वास के द्वारा उस आत्मा को प्राप्त करें जिसकी प्रतिज्ञा की गई है।
क्योंकि आत्मा के द्वारा हम विश्वास से उस धार्मिकता की उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करते हैं जिसकी हमें आशा है।
हे भाइयो, प्रभु के प्रियो, हमें तुम्हारे विषय में परमेश्वर का सदैव धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर ने आरंभ से ही तुम्हें चुन लिया है कि तुम आत्मा के द्वारा पवित्र बनकर और सत्य पर विश्वास करके उद्धार पाओ।
और परमेश्वर पिता के पूर्वज्ञान के अनुसार और आत्मा के द्वारा पवित्र किए जाकर यीशु मसीह की आज्ञाकारिता और उसके लहू के छिड़काव के लिए चुने गए हैं : तुम्हें अनुग्रह और शांति बहुतायत से मिलती रहे।