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2 कुरिन्थियों 3:12 - नवीन हिंदी बाइबल

अतः ऐसी आशा होने के कारण हम बड़े साहस के साथ बोलते हैं,

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पवित्र बाइबल

अपनी इसी आशा के कारण हम इतने निर्भय हैं।

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Hindi Holy Bible

सो ऐसी आशा रखकर हम हियाव के साथ बोलते हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अपनी इस आशा के कारण हम बड़ी निर्भीकता से बोलते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इसलिये ऐसी आशा रखकर हम हियाव के साथ बोलते हैं,

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सरल हिन्दी बाइबल

इसी आशा के कारण हमारी बातें बिना डर की है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसलिए ऐसी आशा रखकर हम साहस के साथ बोलते हैं।

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2 कुरिन्थियों 3:12
21 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहूदियों ने उसे घेर लिया और उससे पूछने लगे, “तू हमारे मन को कब तक दुविधा में रखेगा? यदि तू मसीह है तो हमें स्पष्‍ट बता दे।”


“मैंने ये बातें तुमसे दृष्‍टांतों में कही हैं; वह समय आता है जब मैं तुमसे दृष्‍टांतों में फिर नहीं कहूँगा, बल्कि पिता के विषय में तुम्हें स्पष्‍ट बताऊँगा।


उसके शिष्यों ने कहा, “देख, अब तू स्पष्‍ट बोल रहा है, और कोई दृष्‍टांत नहीं कहता।


वे वहाँ लंबे समय तक रहे और निर्भीकता से प्रभु के विषय में प्रचार करते रहे; और प्रभु उनके हाथों से चिह्‍न दिखाकर और अद्भुत कार्य करवाकर अपने अनुग्रह के वचन की साक्षी देता रहा।


जब उन्होंने पतरस और यूहन्‍ना के साहस को देखा और यह भी जाना कि वे अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं तो उनको आश्‍चर्य हुआ, और उन्होंने पहचाना कि ये यीशु के साथ रहे हैं;


तब बरनाबास उसे लेकर प्रेरितों के पास आया और उन्हें बताया कि किस प्रकार उसने मार्ग में प्रभु को देखा और प्रभु ने उससे बातें कीं, तथा दमिश्क में कैसे उसने साहसपूर्वक यीशु के नाम से प्रचार किया।


और वह यूनानी भाषी यहूदियों के साथ बातचीत तथा वाद-विवाद करता रहा; परंतु वे उसको मार डालने का यत्‍न करने लगे।


फिर भी कलीसिया में मैं अन्य भाषा में दस हज़ार शब्दों की अपेक्षा अपनी बुद्धि से पाँच शब्द ही बोलना अच्छा समझता हूँ ताकि दूसरों को भी सिखा सकूँ।


अब मैं, पौलुस, जो तुम्हारे बीच होने पर तो दीन परंतु न होने पर तुम्हारे प्रति साहसी हूँ, स्वयं मसीह की नम्रता और कोमलता में तुमसे आग्रह करता हूँ।


क्योंकि यदि जो घटती जा रही थी तेजोमय थी, तो वह जो स्थिर है और भी अधिक तेजोमय होगी।


क्योंकि हममें विश्‍वास की वही आत्मा है, जिसके विषय में लिखा है : मैंने विश्‍वास किया, इसलिए मैं बोला। हम भी विश्‍वास करते हैं, इसलिए बोलते हैं,


मुझे तुम पर बहुत भरोसा है, मुझे तुम पर बहुत गर्व है; मैं शांति से भरा हुआ हूँ, और उन सारे क्लेशों में जो हम सहते हैं मुझमें आनंद उमड़ता रहता है।


और मेरे कैद होने के कारण अधिकांश भाई प्रभु पर भरोसा रखकर और भी अधिक साहस और निडरता के साथ वचन सुनाते हैं।


मेरी हार्दिक इच्छा और आशा यही है कि मैं किसी भी बात में लज्‍जित न होऊँ बल्कि जैसे मसीह की महिमा मेरी देह से पूरे साहस के साथ सदा होती रही है वैसे ही अब भी हो, चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ।


और उसे ऐसे प्रकट करूँ जैसे मुझे करना चाहिए।


परंतु तुम तो जानते हो कि फिलिप्पी में दुःख उठाने और अपमान सहने पर भी, हमें अपने परमेश्‍वर में ऐसा साहस प्राप्‍त हुआ कि हम घोर विरोध के बीच तुम्हें परमेश्‍वर का सुसमाचार सुना सके।


क्योंकि जिन्होंने अच्छी तरह से सेवाकार्य किया है, वे अपने लिए उच्‍च स्थान और विश्‍वास में उस बड़े साहस को प्राप्‍त करते हैं जो मसीह यीशु में है।


इसलिए जो उचित है उसकी आज्ञा तुझे देने का मसीह में मुझे पर्याप्‍त साहस है,