हमें परीक्षा में न पड़ने दे, बल्कि बुराई से बचा। [क्योंकि राज्य और सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।]
2 कुरिन्थियों 13:7 - नवीन हिंदी बाइबल अब हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिए नहीं कि हम खरे दिखाई दें बल्कि इसलिए कि तुम वही करो जो अच्छा है, भले ही हम निकम्मे क्यों न ठहरें। पवित्र बाइबल हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तुम कोई बुराई न करो। इसलिए वही करो जो उचित है। चाहे हम इस परीक्षा में विफल हुए ही क्यों न दिखाई दें। Hindi Holy Bible और हम अपने परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिये नहीं, कि हम खरे देख सकें, पर इसलिये कि तुम भलाई करो, चाहे हम निकम्मे ही ठहरें। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम परमेश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि आप कोई बुराई नहीं करें−इसलिए नहीं कि हम खरे प्रमाणित हों, बल्कि इसलिए कि आप भलाई करें, चाहे हम खोटे ही क्यों न दीख पड़ें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम अपने परमेश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि तुम कोई बुराई न करो, इसलिये नहीं कि हम खरे दीख पड़ें, पर इसलिये कि तुम भलाई करो, चाहे हम निकम्मे ही ठहरें। सरल हिन्दी बाइबल हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तुमसे कोई गलती न हो. इसलिये नहीं कि हम भले दिखाई दें, परंतु इसलिये कि तुम वही करो, जो उचित है, फिर हम भले ही खोटे दिखाई दें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और हम अपने परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिए नहीं, कि हम खरे देख पड़ें, पर इसलिए कि तुम भलाई करो, चाहे हम निकम्मे ही ठहरें। |
हमें परीक्षा में न पड़ने दे, बल्कि बुराई से बचा। [क्योंकि राज्य और सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।]
मैं यह विनती नहीं करता कि तू उन्हें संसार से उठा ले बल्कि यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए रख।
जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तब परमेश्वर ने उन्हें उनके भ्रष्ट मन के वश में छोड़ दिया कि वे अनुचित कार्य करें।
बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; उन बातों पर ध्यान दो जो सब लोगों की दृष्टि में भली हैं।
जैसे दिन को शोभा देता है हम वैसी ही चाल चलें, न कि रंगरेलियों और मतवालेपन में, न अनैतिक यौनाचार और कामुकता में, और न ही झगड़े और ईर्ष्या में;
क्योंकि कोई तो कहता है, “उसके पत्र तो गंभीर और प्रभावशाली होते हैं, परंतु उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति प्रभावहीन और उसका प्रवचन व्यर्थ है।”
क्योंकि जो अपनी प्रशंसा करता है वह नहीं, बल्कि जिसकी प्रशंसा प्रभु करता है, वही ग्रहणयोग्य होता है।
जब हम निर्बल और तुम बलवान होते हो तो हम आनंदित होते हैं; और यह प्रार्थना भी करते हैं कि तुम सिद्ध हो जाओ।
बल्कि हम हर बात में परमेश्वर के सेवकों के समान अपने आपको प्रस्तुत करते हैं, अर्थात् बड़े धीरज के साथ क्लेशों में, अभावों में, संकटों में,
क्योंकि हम उन बातों पर ध्यान देते हैं जो केवल प्रभु की दृष्टि में ही नहीं बल्कि मनुष्यों की दृष्टि में भी भली हैं।
अंततः हे भाइयो, जो बातें सच्ची हैं, जो आदरणीय हैं, जो न्यायसंगत हैं, जो पवित्र हैं, जो सुहावनी हैं, जो सराहनीय हैं, यदि कोई सद्गुण या प्रशंसायोग्य बातें हैं, तो उन पर ध्यान लगाया करो।
अब शांति का परमेश्वर स्वयं तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे, और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आगमन तक पूर्ण रूप से निर्दोष और सुरक्षित रहें।
तथा राजाओं और सब अधिकारियों के लिए भी, ताकि हम पूर्ण भक्ति और सम्मान के साथ अमन और शांति का जीवन व्यतीत करें।
अपने आपको परमेश्वर की दृष्टि में ग्रहणयोग्य और ऐसे सेवक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न कर, जिसे लज्जित होना न पड़े और जो सत्य के वचन को भली-भाँति काम में लाता हो।
प्रभु मुझे हर बुरे कार्य से बचाएगा और अपने स्वर्गीय राज्य में सुरक्षित पहुँचाएगा। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा में धीरज धरता है क्योंकि वह खरा उतरकर जीवन का वह मुकुट पाएगा जिसकी प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम रखनेवालों से की है।
अन्य लोगों के बीच तुम्हारा आचरण भला रहे, ताकि वे जिस विषय में तुम्हें कुकर्मी कहकर तुम्हारी निंदा करते हैं, वे कृपादृष्टि के दिन तुम्हारे भले कार्यों को देखकर परमेश्वर की महिमा करें।