यदि चोर सेंध लगाते हुए पकड़ा जाए, और उसे इतना मारा जाए कि वह मर जाए, तो उसकी हत्या करने का दोष न लगे;
1 पतरस 4:15 - नवीन हिंदी बाइबल तुममें से कोई हत्यारा या चोर या किसी प्रकार का बुरा कार्य करनेवाला या दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप करनेवाला होने के कारण दुःख न उठाए; पवित्र बाइबल इसलिए तुममें से कोई भी एक हत्यारा, चोर, कुकर्मी अथवा दूसरे के कामों में बाधा पहुँचाने वाला बनकर दुःख न उठाए। Hindi Holy Bible तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सावधान रहें कि हत्यारा, चोर या कुकर्मी होने अथवा दूसरों के कामों में हस्तक्षेप करने के नाते आप लोगों में से कोई व्यक्ति दु:ख न भोगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दु:ख न पाए। सरल हिन्दी बाइबल तुममें से कोई भी किसी भी रीति से हत्यारे, चोर, दुराचारी या हस्तक्षेपी के रूप में यातना न भोगे; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुःख न पाए। |
यदि चोर सेंध लगाते हुए पकड़ा जाए, और उसे इतना मारा जाए कि वह मर जाए, तो उसकी हत्या करने का दोष न लगे;
“धन्य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्हारी निंदा करें और सताएँ, तथा झूठ बोलकर तुम्हारे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
और जैसी हमने तुम्हें आज्ञा दी थी, तुम शांतिपूर्ण जीवन जीने का प्रयत्न करो, अपने काम से काम रखो और अपने हाथों से परिश्रम करो,
हम सुनते हैं कि तुम्हारे बीच में कुछ ऐसे लोग हैं जो अनुचित चाल चलते हैं, और कोई कार्य नहीं करते बल्कि दूसरों के कामों में टाँग अड़ाते हैं;
साथ ही साथ, वे घर-घर फिरकर आलसी होना भी सीखती हैं, और न केवल आलसी होना सीखती हैं बल्कि बकबक करती और दूसरों के कामों में हस्तक्षेप भी करती हैं, तथा ऐसी बातें बोलती हैं जो बोलनी नहीं चाहिए।
और जिसके लिए मैं दुःख उठाता हूँ, यहाँ तक कि अपराधी के समान बंधनों में भी हूँ; परंतु परमेश्वर का वचन किसी बंधन में नहीं है।
परंतु यदि तुम्हें धार्मिकता के कारण दुःख उठाना भी पड़े, तो तुम धन्य हो। लोगों के डराने से न तो डरो और न ही घबराओ,
यदि परमेश्वर की इच्छा है कि तुम भलाई करते हुए दुःख उठाओ, तो यह बुराई करके दुःख उठाने से उत्तम है।