तेरी सब आज्ञाएँ विश्वासयोग्य हैं; लोगों ने झूठ बोल बोलकर मुझे सताया है, मेरी सहायता कर।
1 पतरस 2:19 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि यदि कोई परमेश्वर के प्रति सचेत रहकर दुःख उठाते हुए अन्याय को सहता है तो यह प्रशंसनीय है। पवित्र बाइबल क्योंकि यदि कोई परमेश्वर के प्रति सचेत रहते हुए यातनाएँ सहता है और अन्याय झेलता है तो वह प्रशंसनीय है। Hindi Holy Bible क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्लेश सहता है, तो यह सुहावना है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कारण, यदि कोई व्यक्ति धैर्य से दु:ख भोगता और अन्याय सहता है, क्योंकि वह समझता है कि परमेश्वर यही चाहता है, तो यह पुण्य की बात है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दु:ख उठाता हुआ क्लेश सहता है तो यह सुहावना है। सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई परमेश्वर के प्रति विवेकशीलता के कारण क्लेश भोगता है और अन्यायपूर्ण रीति से सताया जाता है, वह प्रशंसनीय है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुःख उठाता हुआ क्लेश सहता है, तो यह सुहावना है। |
तेरी सब आज्ञाएँ विश्वासयोग्य हैं; लोगों ने झूठ बोल बोलकर मुझे सताया है, मेरी सहायता कर।
जो व्यर्थ ही मेरे शत्रु हैं उन्हें मुझ पर आनंद करने न दे, और जो अकारण मुझसे घृणा करते हैं उन्हें द्वेष से घूरने न दे।
मुझसे अकारण बैर रखनेवालों की गिनती मेरे सिर के बालों से अधिक है; मेरा विनाश करनेवाले व्यर्थ ही मेरे शत्रु हैं, वे बलशाली हैं, और जो मैंने नहीं लूटा वह भी मुझे देना पड़ता है।
“यदि तुम उनसे प्रेम रखते हो जो तुमसे प्रेम रखते हैं, तो इसमें तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखनेवालों से प्रेम रखते हैं।
परंतु यह सब वे मेरे नाम के कारण तुम्हारे साथ करेंगे, क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।
जब वह वहाँ पहुँचा तो परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनंदित हुआ, और सब को प्रोत्साहित करने लगा कि वे पूरे मन से प्रभु में बने रहें,
फिर भी मैं जो कुछ भी हूँ, परमेश्वर के अनुग्रह से हूँ, और मुझ पर उसका अनुग्रह व्यर्थ नहीं हुआ, परंतु मैंने उन सब से बढ़कर परिश्रम किया; फिर भी यह मुझसे नहीं बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह से हुआ जो मेरे साथ था।
यह हमारा गर्व अर्थात् हमारे विवेक की साक्षी है कि हमने इस संसार में, विशेषकर तुम्हारे प्रति, शारीरिक ज्ञान के अनुसार नहीं बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के अनुसार, भक्तिपूर्ण खराई और सच्चाई से आचरण किया है।
हे भाइयो, अब हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह के विषय में बताते हैं जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ
इस कारण मैं ये सब दुःख भी उठाता हूँ, फिर भी लज्जित नहीं होता; क्योंकि मैं उसे जानता हूँ जिस पर मैंने विश्वास किया है, और मैं आश्वस्त हूँ कि वह उस दिन तक मेरी धरोहर की रखवाली करने में समर्थ है।
अन्यथा उनका चढ़ाया जाना क्या बंद नहीं हो जाता? क्योंकि आराधना करनेवाले जब एक ही बार शुद्ध हो जाते, तो उनका विवेक उन्हें फिर कभी पापी नहीं ठहराता।
यदि तुम पाप करके मार खाते और फिर उसे सह लेते हो तो इसमें क्या बड़ाई? परंतु यदि तुम भले कार्य करके दुःख उठाते और उसे सह लेते हो, तो यह परमेश्वर की दृष्टि में प्रशंसनीय है।
तुममें से कोई हत्यारा या चोर या किसी प्रकार का बुरा कार्य करनेवाला या दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप करनेवाला होने के कारण दुःख न उठाए;