तो क्या विश्वास के द्वारा हम व्यवस्था को व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं! बल्कि हम व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं।
1 कुरिन्थियों 9:8 - नवीन हिंदी बाइबल क्या मैं ये बातें मानवीय रीति से कह रहा हूँ? क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? पवित्र बाइबल क्या मैं मानवीय चिन्तन के रूप में ही ऐसा कह रहा हूँ? आखिरकार क्या व्यवस्था का विधान भी ऐसा ही नहीं कहता? Hindi Holy Bible क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह मैं साधारण जीवन के उदाहरणों के आधार पर ही नहीं कह रहा हूँ बल्कि व्यवस्था भी यही कहती है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूँ? सरल हिन्दी बाइबल क्या मैं यह सिर्फ मनुष्य की रीति से कह रहा हूं? क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूँ? |
तो क्या विश्वास के द्वारा हम व्यवस्था को व्यर्थ ठहराते हैं? कदापि नहीं! बल्कि हम व्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं।
परंतु यदि हमारी अधार्मिकता परमेश्वर की धार्मिकता को प्रकट करती है, तो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर जो क्रोध करता है, अधर्मी है? (मैं मानवीय रीति पर कह रहा हूँ।)
तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मैं मानवीय रीति से कह रहा हूँ। जिस प्रकार तुमने अपने अंगों को अशुद्धता और अधर्म के दास होने के लिए सौंप दिया था और उसके परिणामस्वरूप और अधिक अधर्म हुआ; उसी प्रकार अब तुम अपने अंगों को धार्मिकता के दास होने के लिए सौंप दो जिसका परिणाम पवित्रता हो।
स्त्रियाँ कलीसियाओं में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं; परंतु वे अधीन रहें, जैसा व्यवस्था भी कहती है।
परंतु मेरे विचार से जैसी वह है, यदि वैसी ही रहे तो और भी धन्य है; और मैं समझता हूँ कि मुझमें भी परमेश्वर का आत्मा है।
हे भाइयो, मैं तुम्हें यह बता देता हूँ कि जो सुसमाचार मैंने तुम्हें सुनाया वह किसी मनुष्य का नहीं है;
इसी कारण हम भी निरंतर परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं कि जब हमारे द्वारा तुम्हें परमेश्वर के वचन का संदेश मिला, तो तुमने उसे मनुष्यों का नहीं, बल्कि परमेश्वर का वचन समझकर ग्रहण किया (सचमुच वह है भी) जो तुम विश्वास करनेवालों में कार्य भी करता है।
इसलिए जो इसे अस्वीकार करता है वह मनुष्य को नहीं बल्कि परमेश्वर को अस्वीकार करता है, जो तुम्हें अपना पवित्र आत्मा देता है।