अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ : उसकी माता मरियम की मँगनी यूसुफ से हुई, पर उनके एक साथ होने से पहले वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई।
1 कुरिन्थियों 7:36 - नवीन हिंदी बाइबल यदि कोई सोचता है कि वह अपनी उस कुँवारी कन्या के प्रति अन्याय कर रहा है, जिसकी विवाह की आयु निकल रही है और आवश्यकता भी है, तो जैसा वह चाहता है वैसा ही करे। वह उसका विवाह कर दे, यह पाप नहीं है। पवित्र बाइबल यदि कोई सोचता है कि वह अपनी युवा हो चुकी कुँवारी प्रिया के प्रति उचित नहीं कर रहा है और यदि उसकी कामभावना तीव्र है, तथा दोनों को ही आगे बढ़ कर विवाह कर लेने की आवश्यकता है, तो जैसा वह चाहता है, उसे आगे बढ़ कर वैसा कर लेना चाहिये। वह पाप नहीं कर रहा है। उन्हें विवाह कर लेना चाहिये। Hindi Holy Bible और यदि कोई यह समझे, कि मैं अपनी उस कुंवारी का हक मार रहा हूं, जिस की जवानी ढल चली है, और प्रयोजन भी होए, तो जैसा चाहे, वैसा करे, इस में पाप नहीं, वह उसका ब्याह होने दे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि कोई समझता है कि वह अपनी प्रबल प्रवृत्तियों के कारण अपनी मंगेतर युवती के साथ अशोभनीय व्यवहार कर सकता है और उसे इसके सम्बन्ध में कुछ करना आवश्यक मालूम पड़ता है, तो वह जो चाहता है, कर सकता है। वे विवाह करें-इसमें कोई पाप नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि कोई यह समझे कि मैं अपनी उस कुँवारी का हक्क मार रहा हूँ, जिसकी जवानी ढल रही है, और आवश्यकता भी हो, तो जैसा चाहे वैसा करे, इसमें पाप नहीं, वह उसका विवाह होने दे। सरल हिन्दी बाइबल यदि किसी को यह लगे कि वह अपनी पुत्री के विवाह में देरी करने के द्वारा उसके साथ अन्याय कर रहा है, क्योंकि उसकी आयु ढल रही है, वह वही करे, जो वह सही समझता है, वह उसे विवाह करने दे. यह कोई पाप नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि कोई यह समझे, कि मैं अपनी उस कुँवारी का हक़ मार रहा हूँ, जिसकी जवानी ढल रही है, और प्रयोजन भी हो, तो जैसा चाहे, वैसा करे, इसमें पाप नहीं, वह उसका विवाह होने दे। |
अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ : उसकी माता मरियम की मँगनी यूसुफ से हुई, पर उनके एक साथ होने से पहले वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई।
मैं यह तुम्हारे ही लाभ के लिए कहता हूँ—तुम्हें बंधन में बाँधने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि जो शोभा देता है वही हो और तुम एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहो।
परंतु वह जो विवश हुए बिना अपने मन में दृढ़ रहता है और अपनी इच्छा पूरी करने का अधिकार रखता है और जिसने अपने मन में अपनी कुँवारी कन्या को ऐसे ही रखने का निर्णय ले लिया हो, वह अच्छा ही करता है।
परंतु यदि उनमें संयम न हो तो वे विवाह कर लें, क्योंकि विवाह करना कामातुर रहने से अच्छा है।