ठट्ठा करनेवाला व्यक्ति बुद्धि को ढूँढ़ता है, पर नहीं पाता; परंतु समझदार व्यक्ति सहजता से ज्ञान प्राप्त करता है।
1 कुरिन्थियों 2:14 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातों को ग्रहण नहीं करता, क्योंकि उसके लिए वह मूर्खता है; वह उन्हें जान नहीं सकता, क्योंकि वे आत्मिक रूप से परखी जाती हैं। पवित्र बाइबल एक प्राकृतिक व्यक्ति परमेश्वर की आत्मा द्वारा प्रकाशित सत्य को ग्रहण नहीं करता क्योंकि उसके लिए वे बातें निरी मूर्खता होती हैं, वह उन्हें समझ नहीं पाता क्योंकि वे आत्मा के आधार पर ही परखी जा सकती हैं। Hindi Holy Bible परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उस की दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्राकृत मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की शिक्षा स्वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्योंकि आत्मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है। सरल हिन्दी बाइबल बिना आत्मा का व्यक्ति परमेश्वर के आत्मा के विषय की बातों को स्वीकार नहीं करता क्योंकि इन्हें वह मूर्खता मानता है, ये सब उसकी समझ से परे हैं क्योंकि इनकी विवेचना पवित्र आत्मा द्वारा की जाती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है। |
ठट्ठा करनेवाला व्यक्ति बुद्धि को ढूँढ़ता है, पर नहीं पाता; परंतु समझदार व्यक्ति सहजता से ज्ञान प्राप्त करता है।
परंतु उसने मुड़कर पतरस से कहा,“हे शैतान, मुझसे दूर हो जा। तू मेरे लिए ठोकर का कारण है, क्योंकि तू परमेश्वर की नहीं बल्कि मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।”
उनमें से बहुत से लोग कहने लगे, “उसमें दुष्टात्मा है और वह पागल है। तुम उसकी क्यों सुनते हो?”
अर्थात् सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न तो उसे देखता और न ही जानता है। तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और वह तुममें होगा।
परंतु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, तुम्हें सब बातें सिखाएगा और जो बातें मैंने तुमसे कहीं, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
“जब वह सहायक आएगा जिसे मैं पिता की ओर से तुम्हारे पास भेजूँगा, अर्थात् सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से आता है, तब वह मेरे विषय में साक्षी देगा;
तुम जो एक दूसरे से आदर पाते हो और वह आदर नहीं चाहते जो एकमात्र परमेश्वर की ओर से है, तो कैसे विश्वास कर सकते हो?
थुआतीरा नगर की लुदिया नामक एक स्त्री सुन रही थी जो बैंजनी वस्त्र की व्यापारी और परमेश्वर की भक्त थी। प्रभु ने उसका मन खोला कि वह पौलुस की बातों पर ध्यान लगाए।
तब कुछ इपिकूरी और स्तोईकी दार्शनिक भी उससे तर्क-वितर्क करने लगे; और कुछ कह रहे थे, “यह बकवादी क्या कहना चाहता है?” परंतु दूसरों ने कहा, “वह परदेशी देवताओं का प्रचारक लगता है।” क्योंकि वह यीशु और पुनरुत्थान का सुसमाचार सुना रहा था।
मृतकों के पुनरुत्थान की बात सुनकर कुछ लोग ठट्ठा करने लगे, और कुछ ने कहा, “तुझसे हम इस विषय में फिर से सुनेंगे।”
परंतु यदि यह विवाद शब्दों, नामों और तुम्हारी व्यवस्था के विषय में है, तो तुम ही जानो; मैं इन बातों का न्यायी नहीं बनना चाहता।”
परंतु उसके साथ उनका विवाद अपने धर्म की कुछ बातों पर और किसी यीशु के विषय में था, जो मर गया था पर पौलुस उसके जीवित होने का दावा करता था।
क्योंकि क्रूस का संदेश नाश होनेवालों के लिए तो मूर्खता है, परंतु हम उद्धार पानेवालों के लिए परमेश्वर का सामर्थ्य है।
क्योंकि परमेश्वर के ज्ञान में जब यह संसार अपने ज्ञान से परमेश्वर को न जान सका, तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों का उद्धार करे।
परंतु हम क्रूस पर चढ़ाए गए मसीह का प्रचार करते हैं, जो यहूदियों के लिए ठोकर का कारण और गैरयहूदियों के लिए मूर्खता है,
क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से अधिक ज्ञानवान है, और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से अधिक बलवान है।
स्वाभाविक देह बोई जाती है और आत्मिक देह जिलाई जाती है। यदि स्वाभाविक देह है तो आत्मिक देह भी है।
परंतु हमने संसार की आत्मा नहीं, बल्कि वह आत्मा पाया है जो परमेश्वर की ओर से है, ताकि हम उन बातों को जानें जो परमेश्वर के द्वारा हमें उदारता से दी गई हैं;
हे भाइयो, मैं तुमसे ऐसे बातें न कर सका जैसे कि आत्मिक लोगों से, परंतु ऐसे जैसे शारीरिक लोगों से, अर्थात् उनसे जो मसीह में छोटे बच्चे हैं।
परंतु जहाँ तक तुम्हारा संबंध है, जो अभिषेक तुमने उससे प्राप्त किया वह तुममें बना रहता है, इसलिए आवश्यकता नहीं कि कोई तुम्हें सिखाए। वह अभिषेक सब बातों के विषय में तुम्हें सिखाता है, और वह सत्य है और झूठ नहीं, इसलिए जैसे उसने तुम्हें सिखाया है, उसमें बने रहो।
हम जानते हैं कि परमेश्वर का पुत्र आया, और उसने हमें समझ दी है कि हम उस सत्य को जानें; और हम सत्य में हैं, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में। वही सच्चा परमेश्वर और अनंत जीवन है।