1 कुरिन्थियों 15:2 - नवीन हिंदी बाइबल और तुम्हारा उद्धार भी उसी के द्वारा होता है, यदि तुम सुसमाचार के उस वचन को दृढ़ता से थामे रहो जो मैंने तुम्हें सुनाया था अन्यथा तुमने व्यर्थ में विश्वास किया। पवित्र बाइबल और जिसके द्वारा तुम्हारा उद्धार भी हो रहा है बशर्ते तुम उन शब्दों को जिनका मैंने तुम्हें आदेश दिया था, अपने में दृढ़ता से थामे रखो। (नहीं तो तुम्हारा विश्वास धारण करना ही बेकार गया।) Hindi Holy Bible उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि आप शुभ-समाचार उसी रूप में बनाये रखेंगे, जिस रूप में मैंने उसे आपको सुनाया है, तो उसके द्वारा आप को मुक्ति प्राप्त होगी। नहीं तो आपका विश्वास करना व्यर्थ होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। सरल हिन्दी बाइबल और जिसके द्वारा तुम्हें उद्धार प्राप्त हुआ है—यदि तुम उस शिक्षा में, जिसका मैंने तुम्हारे बीच प्रचार किया है, स्थिर हो—नहीं तो व्यर्थ ही हुआ है तुम्हारा विश्वास करना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैंने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। |
चट्टान पर के बीज वे हैं जब वे वचन सुनते हैं तो आनंद से ग्रहण करते हैं, परंतु जड़ नहीं पकड़ने के कारण कुछ समय तो विश्वास करते हैं परंतु परीक्षा के समय में बहक जाते हैं।
और परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सब लोग उनसे प्रसन्न थे। प्रभु प्रतिदिन उद्धार पानेवालों को उनमें जोड़ दिया करता था।
स्वयं उस शमौन ने भी विश्वास किया, और बपतिस्मा लेकर फिलिप्पुस के साथ रहने लगा; वह चिह्नों और सामर्थ्य के बड़े-बड़े कार्यों को होते देखकर चकित होता था।
मैं सुसमाचार से लज्जित नहीं होता, क्योंकि यह प्रत्येक विश्वास करनेवाले के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—उद्धार के निमित्त परमेश्वर का सामर्थ्य है।
इसलिए परमेश्वर की कृपा और कठोरता को देख : जो गिर गए उनके प्रति कठोरता, परंतु तेरे प्रति परमेश्वर की कृपा—यदि तू उसकी कृपा में बना रहे—नहीं तो तुझे भी काट डाला जाएगा।
क्योंकि क्रूस का संदेश नाश होनेवालों के लिए तो मूर्खता है, परंतु हम उद्धार पानेवालों के लिए परमेश्वर का सामर्थ्य है।
क्योंकि परमेश्वर के ज्ञान में जब यह संसार अपने ज्ञान से परमेश्वर को न जान सका, तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों का उद्धार करे।
मैं तुम्हारी सराहना करता हूँ कि तुम सब बातों में मुझे स्मरण रखते हो, और जो परंपराएँ मैंने तुम्हें सौंपी हैं उनका दृढ़ता से पालन करते हो।
और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो व्यर्थ है हमारा प्रचार भी और व्यर्थ है तुम्हारा विश्वास भी।
क्योंकि उद्धार पानेवालों और नाश होनेवालों के मध्य हम परमेश्वर के लिए मसीह की सुगंध हैं,
हम परमेश्वर के सहकर्मी होने के नाते यह आग्रह भी करते हैं कि तुम पर जो परमेश्वर का अनुग्रह हुआ, उसे व्यर्थ न जाने दो।
विश्वास के द्वारा अनुग्रह से ही तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं बल्कि परमेश्वर का दान है;
यह तभी होगा यदि तुम विश्वास में दृढ़ होकर स्थिर बने रहो और उस सुसमाचार की आशा को न छोड़ो जिसे तुमने सुना, जिसका प्रचार आकाश के नीचे सारी सृष्टि में किया गया, और जिसका मैं पौलुस सेवक बना।
अतः हे भाइयो, स्थिर रहो और उन परंपराओं को थामे रहो जिनकी शिक्षा तुम्हें वचन या पत्र के द्वारा हमसे मिली थी।
उसी ने हमारा उद्धार किया है और पवित्र बुलाहट से बुलाया है। यह हमारे कार्यों के अनुसार नहीं बल्कि उसके उद्देश्य और उस अनुग्रह के अनुसार है जो मसीह यीशु में सनातन काल से हम पर था,
आओ, हम अटल रहकर अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहें, क्योंकि जिसने प्रतिज्ञा की है वह विश्वासयोग्य है;
इस कारण यह आवश्यक है कि हम उन बातों पर जो हमने सुनी हैं और भी अधिक ध्यान लगाएँ; कहीं ऐसा न हो कि हम भटक जाएँ।
यदि हम अपने आरंभिक विश्वास को अंत तक दृढ़ता से थामे रहते हैं, तो हम मसीह के सहभागी बन जाते हैं।
परंतु मसीह परमेश्वर के घराने पर एक पुत्र के समान विश्वासयोग्य रहा; और यदि हम अपने साहस और अपने आशा के गर्व पर दृढ़ रहें तो हम ही उसका घराना हैं।
जबकि हमारे पास ऐसा बड़ा महायाजक है जो आकाशमंडल से होकर गया, अर्थात् परमेश्वर का पुत्र यीशु, तो आओ, हम अपने विश्वास के अंगीकार को दृढ़ता से थामे रहें।
हे मेरे भाइयो, यदि कोई कहे कि उसे विश्वास है, परंतु कार्य न करे तो इससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास उसका उद्धार कर सकता है?
अतः जिस प्रकार देह आत्मा के बिना मरी हुई है, उसी प्रकार विश्वास भी कार्यों के बिना मरा हुआ है।