1 कुरिन्थियों 10:4 - नवीन हिंदी बाइबल और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया; क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे जो उनके साथ-साथ चलती थी, और वह चट्टान मसीह था। पवित्र बाइबल और समान आध्यात्मिक जल पिया था क्योंकि वे अपने साथ चल रही उस आध्यात्मिक चट्टान से ही जल ग्रहण कर रहे थे। और वह चट्टान थी मसीह। Hindi Holy Bible और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे, जो उन के साथ-साथ चलती थी; और वह चट्टान मसीह था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और एक ही आध्यात्मिक पेय का पान किया, क्योंकि वे एक आध्यात्मिक चट्टान का जल पीते थे, जो उनके साथ-साथ चलती थी और वह चट्टान थी-मसीह। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे जो उनके साथ–साथ चलती थी, और वह चट्टान मसीह था। सरल हिन्दी बाइबल सबने एक ही आत्मिक जल पिया क्योंकि वे सब एक ही आत्मिक चट्टान में से पिया करते थे, जो उनके साथ साथ चलती थी और वह चट्टान थे मसीह. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे, जो उनके साथ-साथ चलती थी; और वह चट्टान मसीह था। (निर्ग. 17:6, गिन. 20:11) |
वे सात अच्छी गायें सात वर्ष हैं, और वे सात अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं। दोनों स्वप्न एक ही हैं।
उसने चट्टान पर मारकर जल तो बहा दिया, और जल-धाराएँ भी उमड़ पड़ीं, परंतु क्या वह रोटी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिए मांस का प्रबंध कर सकता है?”
देख, मैं होरेब पहाड़ की एक चट्टान पर तेरे सामने खड़ा रहूँगा; तू उस चट्टान पर मारना, और उसमें से पानी निकलेगा, जिससे कि लोग पीएँ।” तब मूसा ने इस्राएल के धर्मवृद्धों की आँखों के सामने वैसा ही किया।
यीशु ने उसे उत्तर दिया,“यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती और यह भी कि वह कौन है जो तुझसे कहता है, ‘मुझे पीने के लिए पानी दे’, तो तू उससे माँगती और वह तुझे जीवन का जल देता।”
परंतु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह अनंत काल तक कभी प्यासा न होगा, बल्कि जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें अनंत जीवन के लिए उमड़नेवाला जल का सोता बन जाएगा।”
अब पर्व के अंतिम दिन जो मुख्य दिन था, यीशु खड़ा हुआ और पुकारकर कहा,“यदि कोई प्यासा हो तो वह मेरे पास आए और पीए।
अब हाजिरा मानो अरब का सीनै पहाड़ है जो वर्तमान यरूशलेम के तुल्य है, क्योंकि वह अपनी संतानों के साथ दासत्व में है।
व्यवस्था में तो आने वाली अच्छी वस्तुओं की छाया मात्र है, उनका वास्तविक स्वरूप नहीं है, इसलिए वह अपने पास आनेवालों को उन एक ही प्रकार के बलिदानों के द्वारा, जो प्रतिवर्ष नियमित रूप से चढ़ाए जाते हैं, कभी सिद्ध नहीं बना सकती।
आत्मा और दुल्हन दोनों कहते हैं, “आ!” और जो सुनता है वह भी कहे “आ!” और जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल मुफ़्त में ले।