हे हमारे परमेश्वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हमने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमें मिला था, और सब तेरा ही है।
होशे 2:8 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चाँदी सोना जिसको वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था। पवित्र बाइबल “वह (इस्राएल) यह नहीं जानती थी कि मैं (यहोवा) ही उसे अन्न, दाखमधु और तेल दिया करता था। मैं उसे अधिक से अधिक चाँदी और सोना देता रहता था। किन्तु इस्राएल के लोगों ने उस चाँदी और सोने का प्रयोग बाल की मूर्तियाँ बनाने में किया। Hindi Holy Bible वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिये वह चान्दी सोना जिस को वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह नहीं जानती थी कि मैं ही उसको अन्न, अंगूर-रस और तेल देता था। मैंने ही उसके सोना-चांदी की समृद्धि की थी, जिसको उन्होंने बअल देवता के लिए प्रयुक्त किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह यह नहीं जानती थी, कि अन्न, नया दाखमधु और तेल मैं ही उसे देता था, और उसके लिए वह चाँदी सोना जिसको वे बाल देवता के काम में ले आते हैं, मैं ही बढ़ाता था। सरल हिन्दी बाइबल उसने इस बात को नहीं माना है कि वह मैं ही था, जिसने उसे अन्न, नई दाखमधु और तेल दिया था, जिसने उस पर खुले हाथों से सोना-चांदी लुटाया था— जिसका उपयोग उन्होंने बाल देवता के लिए किया. |
हे हमारे परमेश्वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हमने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमें मिला था, और सब तेरा ही है।
उसने मेरे मार्ग को ऐसा रूंधा है कि मैं आगे चल नहीं सकता, और मेरी डगरें अंधेरी कर दी हैं।
बैल तो अपने मालिक को और गदहा अपने स्वामी की चरनी को पहचानता है, परन्तु इस्राएल मुझे नहीं जानता, मेरी प्रजा विचार नहीं करती।”
जो थैली से सोना उण्डेलते या काँटे में चाँदी तौलते हैं, जो सुनार को मजदूरी देकर उससे देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन् दण्डवत् भी करते हैं! (निर्ग. 32:2-4)
देख, बाल-बच्चे तो ईंधन बटोरते, बाप आग सुलगाते और स्त्रियाँ आटा गुँधती हैं, कि स्वर्ग की रानी के लिये रोटियाँ चढ़ाएँ; और मुझे क्रोधित करने के लिये दूसरे देवताओं के लिये तपावन दें।
सुन्दर पलंग पर बैठी रही; और तेरे सामने एक मेज बिछी हुई थी, जिस पर तूने मेरा धूप और मेरा तेल रखा था।
नबूकदनेस्सर राजा ने सोने की एक मूरत बनवाई, जिसकी ऊँचाई साठ हाथ, और चौड़ाई छः हाथ की थी। और उसने उसको बाबेल के प्रान्त के दूरा नामक मैदान में खड़ा कराया।
वरन् तूने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठाकर उसके भवन के पात्र मँगवाकर अपने सामने रखवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखैलों समेत तूने उनमें दाखमधु पिया; और चाँदी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सम्मान तूने नहीं किया। (अय्यू. 12:10, भज. 115:4-8)
इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिसमें बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों-ज्यों उसके फल बढ़े, त्यों-त्यों उसने अधिक वेदियाँ बनाईं जैसे-जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर खम्भे बनाते गये।
जब एप्रैम बोलता था, तब लोग काँपते थे; और वह इस्राएल में बड़ा था; परन्तु जब वह बाल के कारण दोषी हो गया, तब वह मर गया।
और अब वे लोग पाप पर पाप बढ़ाते जाते हैं, और अपनी बुद्धि से चाँदी ढालकर ऐसी मूरतें बनाते हैं जो कारीगरों ही से बनीं। उन्हीं के विषय लोग कहते हैं, जो नरमेध करें, वे बछड़ों को चूमें!
उनकी माता ने छिनाला किया है; जिसके गर्भ में वे पड़े, उसने लज्जा के योग्य काम किया है। उसने कहा, ‘मेरे यार जो मुझे रोटी-पानी, ऊन, सन, तेल और मद्य देते हैं, मैं उन्हीं के पीछे चलूँगी।’
वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना-चाँदी लेकर मूरतें बना लीं जिससे वे ही नाश हो जाएँ।
इसी लिए वह अपने जाल के सामने बलि चढ़ाता और अपने महाजाल के आगे धूप जलाता है; क्योंकि इन्हीं के द्वारा उसका भाग पुष्ट होता, और उसका भोजन चिकना होता है।
और बहुत दिन न बीते थे कि छोटा पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके एक दूर देश को चला गया और वहाँ कुकर्म में अपनी सम्पत्ति उड़ा दी। (नीति. 29:3)
जब उन्होंने परमेश्वर को पहचानना न चाहा, तो परमेश्वर ने भी उन्हें उनके निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।
परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पत्ति प्राप्त करने की सामर्थ्य इसलिए देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बाँधी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है।
और उन्होंने मैदान में जाकर अपनी-अपनी दाख की बारियों के फल तोड़े और उनका रस रौंदा, और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता के मन्दिर में जाकर खाने-पीने और अबीमेलेक को कोसने लगे।