व्यवस्थाविवरण 24:15 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह जानकर कि वह दीन है और उसका मन मजदूरी में लगा रहता है, मजदूरी करने ही के दिन सूर्यास्त से पहले तू उसकी मजदूरी देना; ऐसा न हो कि वह तेरे कारण यहोवा की दुहाई दे, और तू पापी ठहरे। (मत्ती 20:8) पवित्र बाइबल सूरज डूबने से पहले प्रतिदिन उसकी मजदूरी दे दो। क्यों क्योंकि वह गरीब है और उसी धन पर आश्रित है। यदि तुम उसका भुगतान नहीं करते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और तुम पाप करने के अपराधी होगे। Hindi Holy Bible यह जानकर, कि वह दीन है और उसका मन मजदूरी में लगा रहता है, मजदूरी करने ही के दिन सूर्यास्त से पहिले तू उसकी मजदूरी देना; ऐसा न हो कि वह तेरे कारण यहोवा की दोहाई दे, और तू पापी ठहरे॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू सूर्यास्त के पूर्व उसकी मजदूरी प्रतिदिन चुका दिया करना (क्योंकि वह निर्धन व्यक्ति है और अपनी मजदूरी के लिए विकल रहता है)। ऐसा न हो कि वह तेरे विरुद्ध प्रभु की दुहाई दे और यह तेरे लिए एक पाप सिद्ध हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह जानकर, कि वह दीन है और उसका मन मज़दूरी में लगा रहता है, मज़दूरी करने ही के दिन सूर्यास्त से पहले तू उसकी मज़दूरी देना; ऐसा न हो कि वह तेरे कारण यहोवा की दोहाई दे, और तू पापी ठहरे। सरल हिन्दी बाइबल तुम उसे उसी दिन सूर्यास्त के पहले उसकी मजदूरी दे दोगे, क्योंकि वह गरीब व्यक्ति है और उसे इसकी ज़रूरत होगी, कि वह तुम्हारे विरुद्ध याहवेह की दोहाई न दे और यह तुम्हारे विरुद्ध पाप हो जाए. |
“बहुत अंधेर होने के कारण वे चिल्लाते हैं; और बलवान के बाहुबल के कारण वे दुहाई देते हैं।
जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।
क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका प्रिय पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उनमें न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी! (भज. 80:8, मत्ती 3:8-10)
“उस पर हाय जो अपने घर को अधर्म से और अपनी उपरौठी कोठरियों को अन्याय से बनवाता है; जो अपने पड़ोसी से बेगारी में काम कराता है और उसकी मजदूरी नहीं देता।
“एक दूसरे पर अंधेर न करना, और न एक दूसरे को लूट लेना। मजदूर की मजदूरी तेरे पास सारी रात सवेरे तक न रहने पाए। (मत्ती 20:8, 1 तीमु. 5:18, याकू. 5:4)
“फिर यदि तेरा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे सामने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको सम्भालना; वह परदेशी या यात्री के समान तेरे संग रहे।
“तब मैं न्याय करने को तुम्हारे निकट आऊँगा; और टोन्हों, और व्यभिचारियों, और झूठी शपथ खानेवालों के विरुद्ध, और जो मजदूर की मजदूरी को दबाते, और विधवा और अनाथों पर अंधेर करते, और परदेशी का न्याय बिगाड़ते, और मेरा भय नहीं मानते, उन सभी के विरुद्ध मैं तुरन्त साक्षी दूँगा,” सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। (याकू. 5:4)
“साँझ को दाख की बारी के स्वामी ने अपने भण्डारी से कहा, ‘मजदूरों को बुलाकर पिछले से लेकर पहले तक उन्हें मजदूरी दे दे।’
तू आज्ञाओं को तो जानता है: ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।’” (निर्ग. 20:12-16, रोम. 13:9)
सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधर्मी चिन्ता न समाए, कि सातवाँ वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।
क्योंकि पवित्रशास्त्र कहता है, “दाँवनेवाले बैल का मुँह न बाँधना,” क्योंकि “मजदूर अपनी मजदूरी का हकदार है।” (लैव्य. 19:13, व्यव. 25:4)
देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उनकी मजदूरी जो तुम ने उन्हें नहीं दी; चिल्ला रही है, और लवनेवालों की दुहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गई है। (लैव्य. 19:13)