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रोमियों 1:15 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इसलिए मैं तुम्हें भी जो रोम में रहते हो, सुसमाचार सुनाने को भरसक तैयार हूँ।

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इसीलिये मैं तुम रोमवासियों को भी सुसमाचार का उपदेश देने को तैयार हूँ।

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सो मैं तुम्हें भी जो रोम में रहते हो, सुसमाचार सुनाने को भरसक तैयार हूं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसलिए मैं आप रोम निवासियों को भी शुभ समाचार सुनाने के लिए उत्‍सुक हूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अत: मैं तुम्हें भी जो रोम में रहते हो, सुसमाचार सुनाने को भरसक तैयार हूँ।

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अतः जहाँ तक मेरा संबंध है, मैं तो तुम्हें भी जो रोम में हो, सुसमाचार सुनाने के लिए तैयार हूँ।

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इसलिये मैं तुम्हारे बीच भी—तुम, जो रोम नगर में हो—ईश्वरीय सुसमाचार सुनाने के लिए उत्सुक हूं.

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रोमियों 1:15
12 क्रॉस रेफरेंस  

परन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, ‘यह जो तेरी इच्छा है, कि यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी इच्छा करके तूने भला तो किया; (प्रेरि. 7:45,46)


तब मैंने प्रभु का यह वचन सुना, “मैं किसको भेजूँ, और हमारी ओर से कौन जाएगा?” तब मैंने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज।”


इसलिए फसल के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत में काम करने के लिये मजदूर भेज दे।”


जो कुछ वह कर सकी, उसने किया; उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहले से मेरी देह पर इत्र मला है।


यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूँ और उसका काम पूरा करूँ।


परन्तु पौलुस ने उत्तर दिया, “तुम क्या करते हो, कि रो-रोकर मेरा मन तोड़ते हो? मैं तो प्रभु यीशु के नाम के लिये यरूशलेम में न केवल बाँधे जाने ही के लिये वरन् मरने के लिये भी तैयार हूँ।”


और यदि भेजे न जाएँ, तो क्यों प्रचार करें? जैसा लिखा है, “उनके पाँव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं!” (यशा. 52:7, नहू. 1:15)


जहाँ तक हो सके, तुम भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।


पर मेरे मन की उमंग यह है, कि जहाँ-जहाँ मसीह का नाम नहीं लिया गया, वहीं सुसमाचार सुनाऊँ; ऐसा न हो, कि दूसरे की नींव पर घर बनाऊँ।


क्योंकि यदि अपनी इच्छा से यह करता हूँ, तो मजदूरी मुझे मिलती है, और यदि अपनी इच्छा से नहीं करता, तो भी भण्डारीपन मुझे सौंपा गया है।


क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।