ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




यशायाह 4:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वह दिन को धूप से बचाने के लिये और आँधी–पानी और झड़ी में एक शरण और आड़ होगा।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

मण्डप का यह आवरण एक सुरक्षा स्थल होगा। यह आवरण लोगों को सूरज की गर्मी से बचाएगा। मण्डप का यह आवरण सब प्रकार की बाढ़ों और वर्षा से बचने का एक सुरक्षित स्थान होगा।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

वह दिन को घाम से बचाने के लिये और आंधी-पानी और झड़ी में एक शरण और आड़ होगा॥

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह दिन में धूप से बचाव के लिए छाया करेगी। वह आंधी और वर्षा से बचने के लिए आश्रय और शरण-स्‍थल होगी।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वह दिन को धूप से बचाने के लिये छाया, और आँधी–पानी और झड़ी में एक शरण और आड़ होगा।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

दिन की उष्णता, आंधी, पानी और हवा से बचने के लिये आड़ बनकर सुरक्षित रहे.

अध्याय देखें



यशायाह 4:6
17 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। (भज. 91:1, भज. 40:2, भज. 138:7)


मैं प्रचण्ड बयार और आँधी के झोंके से बचकर किसी शरणस्थान में भाग जाता।”


जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।


यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उसमें भागकर सब दुर्घटनाओं से बचता है।


तब जाति-जाति के दूतों को क्या उत्तर दिया जाएगा? यह कि “यहोवा ने सिय्योन की नींव डाली है, और उसकी प्रजा के दीन लोग उसमें शरण लेंगे।”


क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।


और यहोवा अपनी प्रतापीवाणी सुनाएगा, और अपना क्रोध भड़काता और आग की लौ से भस्म करता हुआ, और प्रचण्ड आँधी और अति वर्षा और ओलों के साथ अपना भुजबल दिखाएगा। (भज. 18:13,14)


देखो, एक राजा धार्मिकता से राज्य करेगा, और राजकुमार न्याय से हुकूमत करेंगे। (प्रका. 19:11, इब्रा. 1:8,9)


हर एक मानो आँधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।


और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनों घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फंदा और जाल होगा। (रोम. 9:32,33)


परन्तु तू उनसे कह, ‘प्रभु यहोवा यह कहता है कि मैंने तुम को दूर-दूर की जातियों में बसाया और देश-देश में तितर-बितर कर दिया तो है, तो भी जिन देशों में तुम आए हुए हो, उनमें मैं स्वयं तुम्हारे लिये थोड़े दिन तक पवित्रस्थान ठहरूँगा।’


विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चेतावनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया; और उस धार्मिकता का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है। (उत्प. 6:13-22, उत्प. 7:1)


ताकि दो बे-बदल बातों के द्वारा जिनके विषय में परमेश्वर का झूठा ठहरना अनहोना है, हमारा दृढ़ता से ढाढ़स बन्ध जाए, जो शरण लेने को इसलिए दौड़े हैं, कि उस आशा को जो सामने रखी हुई है प्राप्त करें। (गिन. 23:19, 1 शमू. 15:29)


“वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे; और न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी।