मत्ती 22:16 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं, कि तू सच्चा है, और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है, और किसी की परवाह नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देखकर बातें नहीं करता। पवित्र बाइबल उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास भेजा। उन लोगों ने यीशु से कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है तू सचमुच परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देता है। और तब, कोई क्या सोचता है, तू इसकी चिंता नहीं करता क्योंकि तू किसी व्यक्ति की हैसियत पर नहीं जाता। Hindi Holy Bible सो उन्हों ने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, कि हे गुरू; हम जानते हैं, कि तू सच्चा है; और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है; और किसी की परवा नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुंह देखकर बातें नही करता। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने येशु के पास हेरोदेस-दल के सदस्यों के साथ अपने शिष्यों को यह प्रश्न पूछने भेजा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्चे हैं और सच्चाई से परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। आप किसी की परवाह नहीं करते, क्योंकि आप मुँह-देखी बात नहीं कहते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है, और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है, और किसी की परवाह नहीं करता, क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देखकर बातें नहीं करता। नवीन हिंदी बाइबल फिर उन्होंने अपने शिष्यों को हेरोदियों के साथ उसके पास यह कहने को भेजा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से सिखाता है, और तू किसी की भी परवाह नहीं करता, क्योंकि तू किसी का पक्षपात नहीं करता। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने येशु के पास हेरोदेस समर्थकों को इस प्रश्न के साथ भेजा: “गुरुवर, हमें यह तो मालूम है कि आप सच्चे हैं, तथा परमेश्वर के राज्य की शिक्षा पूरी सच्चाई में ही देते हैं. आप में कहीं कोई भेद-भाव नहीं है, और आप किसी मनुष्य के प्रभाव में नहीं आते. |
प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के होठों से दो रंगी बातें करते हैं।
क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। (रोम. 3:13)
उसके मुँह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।
उसको मेरी सच्ची शिक्षा कण्ठस्थ थी, और उसके मुँह से कुटिल बात न निकलती थी। वह शान्ति और सिधाई से मेरे संग-संग चलता था, और बहुतों को अधर्म से लौटा ले आया था।
इसलिए मैंने भी तुम को सब लोगों के सामने तुच्छ और नीचा कर दिया है, क्योंकि तुम मेरे मार्गों पर नहीं चलते, वरन् व्यवस्था देने में मुँह देखा विचार करते हो।”
“हे गुरु, मूसा ने कहा था, कि यदि कोई बिना सन्तान मर जाए, तो उसका भाई उसकी पत्नी को विवाह करके अपने भाई के लिये वंश उत्पन्न करे।
उसने कहा, “नगर में फलाने के पास जाकर उससे कहो, कि गुरु कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहाँ फसह मनाऊँगा।”
और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?”
और उन्होंने आकर उससे कहा, “हे गुरु, हम जानते हैं, कि तू सच्चा है, और किसी की परवाह नहीं करता; क्योंकि तू मनुष्यों का मुँह देखकर बातें नहीं करता, परन्तु परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है। तो क्या कैसर को कर देना उचित है, कि नहीं?
तब फरीसी बाहर जाकर तुरन्त हेरोदियों के साथ उसके विरोध में सम्मति करने लगे, कि उसे किस प्रकार नाश करें।
और उसने उन्हें चेतावनी दी, “देखो, फरीसियों के ख़मीर और हेरोदेस के ख़मीर से सावधान रहो।”
उन्होंने उससे यह पूछा, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू ठीक कहता, और सिखाता भी है, और किसी का पक्षपात नहीं करता; वरन् परमेश्वर का मार्ग सच्चाई से बताता है।
यह सुन यीशु ने उसके उत्तर में कहा, “हे शमौन, मुझे तुझ से कुछ कहना है।” वह बोला, “हे गुरु, कह।”
यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।
पिलातुस ने उससे कहा, “तो क्या तू राजा है?” यीशु ने उत्तर दिया, “तू कहता है, कि मैं राजा हूँ; मैंने इसलिए जन्म लिया, और इसलिए जगत में आया हूँ कि सत्य पर गवाही दूँ जो कोई सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है।” (1 यूह. 4:6)
जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बढ़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उसमें अधर्म नहीं।
क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।
परन्तु हमने लज्जा के गुप्त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट करके, परमेश्वर के सामने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
इस कारण अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हमने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तो भी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे।
अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूँ या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।
फिर जो लोग कुछ समझे जाते थे वे चाहे कैसे भी थे, मुझे इससे कुछ काम नहीं, परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता उनसे मुझे कुछ भी नहीं प्राप्त हुआ। (2 कुरि. 11:5, व्यव. 10:17)
उसने तो अपने माता-पिता के विषय में कहा, ‘मैं उनको नहीं जानता;’ और न तो उसने अपने भाइयों को अपना माना, और न अपने पुत्रों को पहचाना। क्योंकि उन्होंने तेरी बातें मानीं, और वे तेरी वाचा का पालन करते हैं। (मत्ती 10:37)
पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इसमें मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जाँचता है, प्रसन्न करते हैं। (तीतु. 1:3, इफि. 6:6)
पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपटरहित होता है।
और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है।