अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठंडा और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएँगे।”
भजन संहिता 74:17 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तूने तो पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया; धूपकाल और सर्दी दोनों तूने ठहराए हैं। पवित्र बाइबल तू धरती पर सब की सीमाएं बाँधता है। तूने ही गर्मी और सर्दी को बनाया। Hindi Holy Bible तू ने तो पृथ्वी के सब सिवानों को ठहराया; धूपकाल और जाड़ा दोनों तू ने ठहराए हैं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने पृथ्वी के सीमान्तों को ठहराया है, तूने ग्रीष्म और शीत ऋतुएं बनाई हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू ने तो पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया; धूपकाल और जाड़ा दोनों तू ने ठहराए हैं। नवीन हिंदी बाइबल तूने तो पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया; ग्रीष्मकाल और शीतकाल तूने ही ठहराए हैं। सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी की समस्त सीमाएं आपके द्वारा निर्धारित की गई हैं; ग्रीष्मऋतु एवं शरद ऋतु दोनों ही आपकी कृति हैं. |
अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठंडा और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएँगे।”
क्या तूने पृथ्वी की चौड़ाई को पूरी रीति से समझ लिया है? यदि तू यह सब जानता है, तो बता दे।
तो भी उसने अपने आपको बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।” (भज. 147:8, यिर्म. 5:24)
उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियाँ सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाई हैं; और उनके ठहराए हुए समय और निवास के सीमाओं को इसलिए बाँधा है, (व्यव. 32:8)
जब परमप्रधान ने एक-एक जाति को निज-निज भाग बाँट दिया, और आदमियों को अलग-अलग बसाया, तब उसने देश-देश के लोगों की सीमाएँ इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराई। (प्रेरि. 17:26)