मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो “पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा”;
भजन संहिता 10:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह अपने मन में कहता है कि “मैं कभी टलने का नहीं; मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक दुःख से बचा रहूँगा।” पवित्र बाइबल वे सोचते हैं, जैसे कोई बुरी बात उनके साथ नहीं घटेगी। वे कहा करते हैं, “हम मौज से रहेंगे और कभी भी दण्डित नहीं होंगे।” Hindi Holy Bible वह अपने मन में कहता है कि मैं कभी टलने का नहीं: मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक दु:ख से बचा रहूंगा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह अपने हृदय में यह सोचता है, “मैं अटल हूँ। मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक संकट में नहीं पड़ूंगा।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अपने मन में कहता है, “मैं कभी टलने का नहीं : मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक दु:ख से बचा रहूँगा।” नवीन हिंदी बाइबल वह अपने मन में कहता है, “मैं कभी न टलूँगा : पीढ़ी से पीढ़ी तक मुझ पर कोई विपत्ति न पड़ेगी।” सरल हिन्दी बाइबल वह स्वयं को आश्वासन देता रहता है: “मैं विचलित न होऊंगा, मेरी किसी भी पीढ़ी में कोई भी विपदा नहीं आ सकती.” |
मैं यहोवा में शरण लेता हूँ; तुम क्यों मेरे प्राण से कहते हो “पक्षी के समान अपने पहाड़ पर उड़ जा”;
मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।
जो अपना रुपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।
बुरे काम के दण्ड की आज्ञा फुर्ती से नहीं दी जाती; इस कारण मनुष्यों का मन बुरा काम करने की इच्छा से भरा रहता है।
तूने कहा, “मैं सर्वदा स्वामिनी बनी रहूँगी,” इसलिए तूने अपने मन में इन बातों पर विचार न किया और यह भी न सोचा कि उनका क्या फल होगा।
वे कहते हैं, “आओ, हम दाखमधु ले आएँ, आओ मदिरा पीकर छक जाएँ; कल का दिन भी तो आज ही के समान अत्यन्त सुहावना होगा।” (लूका 12:19-20, 1 कुरि. 15:32)
क्योंकि चाहे वे काँटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तो भी वे सूखी खूँटी की समान भस्म किए जाएँगे।
जब लोग कहते होंगे, “कुशल है, और कुछ भय नहीं,” तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा, जिस प्रकार गर्भवती पर पीड़ा; और वे किसी रीति से न बचेंगे। (मत्ती 24:37-39)
जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख-विलास किया; उतनी उसको पीड़ा, और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूँगी।’