मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखकर दिए, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
प्रेरितों के काम 17:20 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिए हम जानना चाहते हैं कि इनका अर्थ क्या है?” पवित्र बाइबल तू कुछ विचित्र बातें हमारे कानों में डाल रहा है, सो हम जानना चाहते हैं कि इन बातों का अर्थ क्या है?” Hindi Holy Bible क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इन का अर्थ क्या है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप कुछ ऐसी बातें कहते हैं जो हमारे कानों को अनोखी लगती हैं। हम जानना चाहते हैं कि उनका अर्थ क्या है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तू अनोखी बातें हमें सुनाता है, इसलिये हम जानना चाहते हैं कि इनका अर्थ क्या है।” नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि तू कुछ अनोखी बातें हमें सुनाता है; इसलिए हम जानना चाहते हैं कि इन बातों का अर्थ क्या है?” सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि आपके द्वारा बतायी गई बातें हमारे लिए अनोखी हैं. हम जानना चाहते हैं कि इनका मतलब क्या है.” |
मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखकर दिए, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
उन्होंने इस बात को स्मरण रखा; और आपस में वाद-विवाद करने लगे, “मरे हुओं में से जी उठने का क्या अर्थ है?”
इसलिए उसके चेलों में से बहुतों ने यह सुनकर कहा, “यह तो कठोर शिक्षा है; इसे कौन मान सकता है?”
जब पतरस अपने मन में दुविधा में था, कि यह दर्शन जो मैंने देखा क्या है, तब वे मनुष्य जिन्हें कुरनेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर का पता लगाकर द्वार पर आ खड़े हुए।
तब वे उसे अपने साथ अरियुपगुस पर ले गए और पूछा, “क्या हम जान सकते हैं, कि यह नया मत जो तू सुनाता है, क्या है?
(इसलिए कि सब एथेंस वासी और परदेशी जो वहाँ रहते थे नई-नई बातें कहने और सुनने के सिवाय और किसी काम में समय नहीं बिताते थे।)
क्योंकि क्रूस की कथा नाश होनेवालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पानेवालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ्य है।
परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं जो यहूदियों के निकट ठोकर का कारण, और अन्यजातियों के निकट मूर्खता है;
परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उनकी जाँच आत्मिक रीति से होती है।
इसके विषय में हमें बहुत सी बातें कहनी हैं, जिनका समझाना भी कठिन है; इसलिए कि तुम ऊँचा सुनने लगे हो।
इससे वे अचम्भा करते हैं, कि तुम ऐसे भारी लुचपन में उनका साथ नहीं देते, और इसलिए वे बुरा-भला कहते हैं।