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प्रकाशितवाक्य 9:18 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इन तीनों महामारियों; अर्थात् आग, धुएँ, गन्धक से, जो उसके मुँह से निकलते थे, मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।

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पवित्र बाइबल

इन तीन महाविनाशों से यानी उनके मुखों से निकल रही अग्नि, धुआँ और गंधक से एक तिहाई मानव जाति को मार डाला गया।

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Hindi Holy Bible

इन तीनों मरियों; अर्थात आग, और धुएं, और गन्धक से जो उसके मुंह से निकलती थीं, मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इन तीन विपत्तियों द्वारा, अर्थात् आग, धूएँ और गन्‍धक द्वारा, जो घोड़ों के मुँह से निकल रही थी, एक तिहाई मनुष्‍यों का वध किया गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इन तीनों महामारियों अर्थात् आग और धुएँ और गन्धक से, जो उनके मुँह से निकलते थे मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।

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नवीन हिंदी बाइबल

इन तीन महामारियों, अर्थात् उनके मुँह से निकलनेवाली आग, धुएँ और गंधक के द्वारा एक-तिहाई मनुष्य मार डाले गए।

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सरल हिन्दी बाइबल

उनके मुंह से निकल रही तीन महामारियों—आग, गंधक तथा धुएं से एक तिहाई मनुष्य नाश हो गए,

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प्रकाशितवाक्य 9:18
9 क्रॉस रेफरेंस  

तीसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और एक बड़ा तारा जो मशाल के समान जलता था, स्वर्ग से टूटा, और नदियों की एक तिहाई पर, और पानी के सोतों पर आ पड़ा। (प्रका. 6:13)


उस तारे का नाम नागदौना है, और एक तिहाई पानी नागदौना जैसा कड़वा हो गया, और बहुत से मनुष्य उस पानी के कड़वे हो जाने से मर गए। (यिर्म. 9:15)


चौथे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और सूर्य की एक तिहाई, और चाँद की एक तिहाई और तारों की एक तिहाई पर आपत्ति आई, यहाँ तक कि उनका एक तिहाई अंग अंधेरा हो गया और दिन की एक तिहाई में उजाला न रहा, और वैसे ही रात में भी। (यशा. 13:10, योए. 2:10)


पहले स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, और लहू से मिले हुए ओले और आग उत्पन्न हुई, और पृथ्वी पर डाली गई; और एक तिहाई पृथ्वी जल गई, और एक तिहाई पेड़ जल गई, और सब हरी घास भी जल गई। (यहे. 38:22)


दूसरे स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मानो आग के समान जलता हुआ एक बड़ा पहाड़ समुद्र में डाला गया; और समुद्र भी एक तिहाई लहू हो गया, (निर्ग. 7:17, यिर्म. 51:25)


और समुद्र की एक तिहाई सृजी हुई वस्तुएँ जो सजीव थीं मर गईं, और एक तिहाई जहाज नाश हो गए।


और वे चारों दूत खोल दिए गए जो उस घड़ी, और दिन, और महीने, और वर्ष के लिये मनुष्यों की एक तिहाई के मार डालने को तैयार किए गए थे।


और मुझे इस दर्शन में घोड़े और उनके ऐसे सवार दिखाई दिए, जिनकी झिलमें आग, धूम्रकान्त, और गन्धक की जैसी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के समान थे: और उनके मुँह से आग, धुआँ, और गन्धक निकलते थे।


क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ्य उनके मुँह, और उनकी पूँछों में थी; इसलिए कि उनकी पूँछे साँपों की जैसी थीं, और उन पूँछों के सिर भी थे, और इन्हीं से वे पीड़ा पहुँचाते थे।