ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




नीतिवचन 29:22 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्रोध करनेवाला मनुष्य झगड़ा मचाता है और अत्यन्त क्रोध करनेवाला अपराधी भी होता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

क्रोधी मनुष्य मतभेद भड़काता है, और ऐसा जन जिसको क्रोध आता हो, बहुत से पापों का अपराधी बनता है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

क्रोध करने वाला मनुष्य झगड़ा मचाता है और अत्यन्त क्रोध करने वाला अपराधी होता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो मनुष्‍य क्रुद्ध स्‍वभाव का है, वह लड़ाई-झगड़ा उत्‍पन्न करता है, जो क्रोध के वश में है, वह अपराध-पर-अपराध करता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्रोध करनेवाला मनुष्य झगड़ा मचाता है, और अत्यन्त क्रोध करनेवाला अपराधी भी होता है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

क्रोधी मनुष्य झगड़ा उत्पन्‍न करता है, और अत्यंत क्रोध करनेवाला अपराध पर अपराध करता है।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

शीघ्र क्रोधी व्यक्ति कलह करनेवाला होता है, और अनियंत्रित क्रोध का दास अनेक अपराध कर बैठता है.

अध्याय देखें



नीतिवचन 29:22
11 क्रॉस रेफरेंस  

धिक्कार उनके कोप को, जो प्रचण्ड था; और उनके रोष को, जो निर्दय था; मैं उन्हें याकूब में अलग-अलग और इस्राएल में तितर-बितर कर दूँगा।


बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढँप जाते हैं। (1 कुरि. 13:7, याकू. 5:20, 1 पत. 4:8)


जो झट क्रोध करे, वह मूर्खता का काम करेगा, और जो बुरी युक्तियाँ निकालता है, उससे लोग बैर रखते हैं।


क्रोधी पुरुष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करनेवाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है।


जो झगड़े-रगड़े में प्रीति रखता, वह अपराध करने से भी प्रीति रखता है, और जो अपने फाटक को बड़ा करता, वह अपने विनाश के लिये यत्न करता है।


क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करनेवाले के संग न चलना,


जैसा अंगारों में कोयला और आग में लकड़ी होती है, वैसा ही झगड़ा बढ़ाने के लिये झगड़ालू होता है।


जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।


जो अपने दास को उसके लड़कपन से ही लाड़-प्यार से पालता है, वह दास अन्त में उसका बेटा बन बैठता है।


क्योंकि जैसे दूध के मथने से मक्खन और नाक के मरोड़ने से लहू निकलता है, वैसे ही क्रोध के भड़काने से झगड़ा उत्पन्न होता है।


इसलिए कि जहाँ ईर्ष्या और विरोध होता है, वहाँ बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्कर्म भी होता है।