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नीतिवचन 29:14 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो राजा कंगालों का न्याय सच्चाई से चुकाता है, उसकी गद्दी सदैव स्थिर रहती है।

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पवित्र बाइबल

यदि कोई राजा गरीबों पर न्यायपूर्ण रहता है तो उसका शासन सुदीर्घ काल बना रहेगा।

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Hindi Holy Bible

जो राजा कंगालों का न्याय सच्चाई से चुकाता है, उसकी गद्दी सदैव स्थिर रहती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो राजा गरीब मनुष्‍य का न्‍याय सच्‍चाई से करता है, उसका सिंहासन सदा सुदृढ़ रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो राजा कंगालों का न्याय सच्‍चाई से चुकाता है, उसकी गद्दी सदैव स्थिर रहती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो राजा कंगालों का न्याय सच्‍चाई से करता है, उसका सिंहासन सदा स्थिर रहता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि राजा पूर्ण खराई में निर्धन का न्याय करता है, उसका सिंहासन स्थायी रहता है.

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नीतिवचन 29:14
18 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि मैंने कहा, “तेरी करुणा सदा बनी रहेगी, तू स्वर्ग में अपनी सच्चाई को स्थिर रखेगा।”


दुष्टता करना राजाओं के लिये घृणित काम है, क्योंकि उनकी गद्दी धर्म ही से स्थिर रहती है।


राजा की रक्षा कृपा और सच्चाई के कारण होती है, और कृपा करने से उसकी गद्दी सम्भलती है।


वैसे ही, राजा के सामने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी।


वह शासक जिसमें समझ की कमी हो, वह बहुत अंधेर करता है; और जो लालच का बैरी होता है वह दीर्घायु होता है।


राजा न्याय से देश को स्थिर करता है, परन्तु जो बहुत घूस लेता है उसको उलट देता है।


भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।”


परन्तु वह कंगालों का न्याय धार्मिकता से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपनी फूँक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। (2 थिस्स. 2:8, प्रका. 19:15, नीति. 31:8,9)


वह इस कारण सुख से रहता था क्योंकि वह दीन और दरिद्र लोगों का न्याय चुकाता था। क्या यही मेरा ज्ञान रखना नहीं है? यहोवा की यह वाणी है।


वे मोटे और चिकने हो गए हैं। बुरे कामों में वे सीमा को पार कर गए हैं; वे न्याय, विशेष करके अनाथों का न्याय नहीं चुकाते; इससे उनका काम सफल नहीं होता वे कंगालों का हक़ भी नहीं दिलाते।


इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़कर धार्मिकता करने लगे, और अधर्म छोड़कर दीन-हीनों पर दया करने लगे, तो सम्भव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे।”