ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




नीतिवचन 15:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुष्ट के कमाई में दुःख रहता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

धर्मी के घर का कोना भरा पूरा रहता है दुष्ट की कमाई उस पर कलेश लाती है।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुष्ट के उपार्जन में दु:ख रहता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धार्मिक मनुष्‍य के घर में बहुत धन रहता है, परन्‍तु दुर्जन की आमदनी में घुन लग जाता है।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुष्‍ट के उपार्जन में दु:ख रहता है।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

धर्मी के घर में बहुत धन रहता है, परंतु दुष्‍ट की कमाई में दुःख पाया जाता है।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

धर्मी के घर में अनेक-अनेक बहुमूल्य वस्तुएं पाई जाती हैं, किंतु दुष्ट की आय ही उसके संकट का कारण बन जाती है.

अध्याय देखें



नीतिवचन 15:6
16 क्रॉस रेफरेंस  

उसके घर में धन-सम्पत्ति रहती है; और उसका धर्म सदा बना रहेगा।


धर्मी का थोड़ा सा धन दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।


धन यहोवा की आशीष ही से मिलता है, और वह उसके साथ दुःख नहीं मिलाता।


भला मनुष्य अपने नाती-पोतों के लिये सम्पत्ति छोड़ जाता है, परन्तु पापी की सम्पत्ति धर्मी के लिये रखी जाती है।


घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है,


मूर्ख अपने पिता की शिक्षा का तिरस्कार करता है, परन्तु जो डाँट को मानता, वह विवेकी हो जाता है।


बुद्धिमान लोग बातें करने से ज्ञान को फैलाते हैं, परन्तु मूर्खों का मन ठीक नहीं रहता।


अन्याय के बड़े लाभ से, न्याय से थोड़ा ही प्राप्त करना उत्तम है।


बुद्धिमान के घर में उत्तम धन और तेल पाए जाते हैं, परन्तु मूर्ख उनको उड़ा डालता है।


दुष्ट के घर पर यहोवा का श्राप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है।


जिससे मैं अपने प्रेमियों को धन-सम्पत्ति का भागी करूँ, और उनके भण्डारों को भर दूँ।


चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और वायु को पकड़ना हो।


और मसीह के कारण निन्दित होने को मिस्र के भण्डार से बड़ा धन समझा क्योंकि उसकी आँखें फल पाने की ओर लगी थीं। (1 पत. 4:14, मत्ती 5:12)