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नीतिवचन 12:14 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सज्जन अपने वचनों के फल के द्वारा भलाई से तृप्त होता है, और जैसी जिसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है।

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पवित्र बाइबल

अपनी वाणी के सुफल से व्यक्ति श्रेष्ठ वस्तुओं से भर जाता है। निश्चय यह उतना ही जितना अपने हाथों का काम करके उसको सफलता देता है।

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Hindi Holy Bible

सज्जन अपने वचनों के फल के द्वारा भलाई से तृप्त होता है, और जैसी जिसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य को अपने वचनों के फल के अनुरूप उत्तम वस्‍तुएं प्राप्‍त होती हैं, और वह सन्‍तुष्‍ट होता है; मनुष्‍य जैसा कार्य करता है वैसा ही उसको फल मिलता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सज्जन अपने वचनों के फल के द्वारा भलाई से तृप्‍त होता है, और जैसी जिसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य अपने मुँह से निकले शब्दों के अनुसार भली वस्तुओं से तृप्‍त होता है, और उसे अपने ही हाथों के कार्य का प्रतिफल मिलता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

समझदार शब्द कई लाभ लाते हैं, और कड़ी मेहनत प्रतिफल लाती है.

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नीतिवचन 12:14
19 क्रॉस रेफरेंस  

वह मनुष्य की करनी का फल देता है, और प्रत्येक को अपनी-अपनी चाल का फल भुगताता है।


मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा।


इसलिए वे अपनी करनी का फल आप भोगेंगे, और अपनी युक्तियों के फल से अघा जाएँगे।


सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।


जो बेईमान है, वह अपनी चाल चलन का फल भोगता है, परन्तु भला मनुष्य आप ही आप सन्तुष्ट होता है।


सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है!


जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा। (मत्ती 25:40)


यदि तू कहे, कि देख मैं इसको जानता न था, तो क्या मन का जाँचनेवाला इसे नहीं समझता? और क्या तेरे प्राणों का रक्षक इसे नहीं जानता? और क्या वह हर एक मनुष्य के काम का फल उसे न देगा? (मत्ती 16:27, रोम. 2:6, प्रका. 2:23, प्रका. 22:12)


दुष्ट अपने ही अधर्म के कर्मों से फँसेगा, और अपने ही पाप के बन्धनों में बन्धा रहेगा।


“मैं यहोवा मन को खोजता और हृदय को जाँचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात् उसके कामों का फल दूँ।” (1 पत. 1:17, प्रका. 2:23, प्रका. 20:12,13, प्रका. 22:12)


और यहोवा की वाणी है कि मैं तुम्हें दण्ड देकर तुम्हारे कामों का फल तुम्हें भुगतवाऊँगा। मैं उसके वन में आग लगाऊँगा, और उसके चारों ओर सब कुछ भस्म हो जाएगा।”


इसलिए जो प्रजा की दशा होगी, वही याजक की भी होगी; मैं उनके चाल चलन का दण्ड दूँगा, और उनके कामों के अनुकूल उन्हें बदला दूँगा।


मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय ‘वह हर एक को उसके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।’


और मसीह के कारण निन्दित होने को मिस्र के भण्डार से बड़ा धन समझा क्योंकि उसकी आँखें फल पाने की ओर लगी थीं। (1 पत. 4:14, मत्ती 5:12)


क्योंकि जो वचन स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था, जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक-ठीक बदला मिला।