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नीतिवचन 11:17 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दुःख देता है।

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पवित्र बाइबल

दयालु मनुष्य स्वयं अपना भला करता है, जबकि दयाहीन स्वयं पर विपत्ति लाता है।

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Hindi Holy Bible

कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो मनुष्‍य दूसरों पर दया करता है, वह स्‍वयं अपना हित करता है; पर निर्दयी मनुष्‍य स्‍वयं अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

कृपालु पुरुष अपना भला करता है, परंतु क्रूर मनुष्य अपनी ही देह को हानि पहुँचाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

कृपा करने के द्वारा मनुष्य अपना ही हित करता है, किंतु क्रूर व्यक्ति स्वयं का नुकसान कर लेता है.

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नीतिवचन 11:17
19 क्रॉस रेफरेंस  

वह नागों का विष चूस लेगा, वह करैत के डसने से मर जाएगा।


लालची अपने घराने को दुःख देता है, परन्तु घूस से घृणा करनेवाला जीवित रहता है।


दया करनेवाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है। (2 कुरि. 9:10)


कोई अकेला रहता और उसका कोई नहीं है; न उसके बेटा है, न भाई है, तो भी उसके परिश्रम का अन्त नहीं होता; न उसकी आँखें धन से सन्तुष्ट होती हैं, और न वह कहता है, मैं किसके लिये परिश्रम करता और अपने जीवन को सुखरहित रखता हूँ? यह भी व्यर्थ और निरा दुःख भरा काम है।


धर्मी जन नाश होता है, और कोई इस बात की चिन्ता नहीं करता; भक्त मनुष्य उठा लिए जाते हैं, परन्तु कोई नहीं सोचता। धर्मी जन इसलिए उठा लिया गया कि आनेवाली आपत्ति से बच जाए,


इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़कर धार्मिकता करने लगे, और अधर्म छोड़कर दीन-हीनों पर दया करने लगे, तो सम्भव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे।”


“धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।


दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा-दबाकर और हिला-हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।”


यह नहीं कि मैं दान चाहता हूँ परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूँ, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।


क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा। दया न्याय पर जयवन्त होती है।