नीतिवचन 10:6 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
धर्मी पर बहुत से आशीर्वाद होते हैं, परन्तु दुष्टों के मुँह में उपद्रव छिपा रहता है।
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धर्मी जनों के सिर आशीषों का मुकुट होता किन्तु दुष्ट के मुख से हिंसा ऊफन पड़ती।
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धर्मी पर बहुत से आर्शीवाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है।
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धार्मिक मनुष्य के सिर पर आशिषों की वर्षा होती है; पर दुर्जन के मुंह में हिंसा ही हिंसा भरी रहती है।
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धर्मी पर बहुत से आशीर्वाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुँह छा लेता है।
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धर्मी पर आशिषें बनी रहती हैं, परंतु दुष्टों के मुँह पर हिंसा छाई रहती है।
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धर्मी आशीषें प्राप्त करते जाते हैं, किंतु दुष्ट में हिंसा ही समाई रहती है.
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