निर्गमन 21:26 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
“जब कोई अपने दास या दासी की आँख पर ऐसा मारे कि फूट जाए, तो वह उसकी आँख के बदले उसे स्वतंत्र करके जाने दे।
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“यदि कोई व्यक्ति किसी दास की आँख को चोट पहुँचाए और दास उस आँख से अन्धा हो जाए तो वह दास स्वतन्त्र हो जाने दिया जाएगा। उसकी आँख उसकी स्वतन्त्रता का मूल्य है। यह नियम दास या दासी दोनों के लिए समान है।
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जब कोई अपने दास वा दासी की आंख पर ऐसा मारे कि फूट जाए, तो वह उसकी आंख की सन्ती उसे स्वतंत्र करके जाने दे।
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‘जब कोई व्यक्ति अपने गुलाम की, चाहे वह स्त्री अथवा पुरुष हो, आंख पर प्रहार करे और वह फूट जाए, तब स्वामी उस आंख के बदले गुलाम को स्वतन्त्र करके जाने देगा।
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“जब कोई अपने दास या दासी की आँख पर ऐसा मारे कि फूट जाए, तो वह उसकी आँख के बदले उसे स्वतन्त्र करके जाने दे।
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“यदि कोई अपने दास या दासी की आँख पर ऐसा मारे कि वह फूट जाए, तो वह उसकी आँख के बदले उसे स्वतंत्र होकर जाने दे।
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“यदि किसी व्यक्ति की मार से उसके दास अथवा दासी की आंख नष्ट हो जाये, तो उसे उसकी आंख के बदले उस दास अथवा दासी को छोड़ दे.
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