तीतुस 1:15 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं वरन् उनकी बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं। पवित्र बाइबल पवित्र लोगों के लिये सब कुछ पवित्र है, किन्तु अशुद्ध और जिनमें विश्वास नहीं है, उनके लिये कुछ भी पवित्र नहीं है। Hindi Holy Bible शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तु शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं: वरन उन की बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो शुद्ध हैं, उनके लिए सब कुछ शुद्ध है। किन्तु जो दूषित और अविश्वासी हैं, उनके लिए कुछ भी शुद्ध नहीं हैं, क्योंकि उनका मन और अन्त:करण, दोनों दूषित हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं, वरन् उनकी बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं। नवीन हिंदी बाइबल शुद्ध लोगों के लिए सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, परंतु अशुद्ध और अविश्वासियों के लिए कुछ भी शुद्ध नहीं, बल्कि उनके मन और विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं। सरल हिन्दी बाइबल निर्मल व्यक्ति के लिए सब वस्तुएं निर्मल हैं किंतु वे, जो भ्रष्ट हैं तथा विश्वास नहीं करते, उनके लिए निर्मल कुछ भी नहीं है. उनके मन तथा विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं. |
फिर हाग्गै ने पूछा, “यदि कोई जन मनुष्य की लोथ के कारण अशुद्ध होकर ऐसी किसी वस्तु को छूए, तो क्या वह अशुद्ध ठहरेगी?” याजकों ने उत्तर दिया, “हाँ अशुद्ध ठहरेगी।”
फिर दूसरी बार उसे वाणी सुनाई दी, “जो कुछ परमेश्वर ने शुद्ध ठहराया है, उसे तू अशुद्ध मत कह।”
मैं जानता हूँ, और प्रभु यीशु से मुझे निश्चय हुआ है, कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है, उसके लिये अशुद्ध है।
भोजन के लिये परमेश्वर का काम न बिगाड़; सब कुछ शुद्ध तो है, परन्तु उस मनुष्य के लिये बुरा है, जिसको उसके भोजन करने से ठोकर लगती है।
परन्तु जो सन्देह करके खाता है, वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता, और जो कुछ विश्वास से नहीं, वह पाप है।
सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं।
परन्तु सब को यह ज्ञान नहीं; परन्तु कितने तो अब तक मूरत को कुछ समझने के कारण मूरतों के सामने बलि की हुई को कुछ वस्तु समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होकर अशुद्ध होता है।
और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े-झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिनकी बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति लाभ का द्वार है।
तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवाकर परमेश्वर के समीप जाएँ। (इफि. 5:26, 1 पत. 3:21, यहे. 36:25)
और ध्यान से देखते रहो, ऐसा न हो, कि कोई परमेश्वर के अनुग्रह से वंचित रह जाए, या कोई कड़वी जड़ फूटकर कष्ट दे, और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएँ। (2 यूह. 1:8, व्यव. 29:18)
तो मसीह का लहू जिसने अपने आपको सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीविते परमेश्वर की सेवा करो।