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उत्पत्ति 50:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और उसके चालीस दिन पूरे हुए, क्योंकि जिनके शव में सुगन्ध-द्रव्य भरे जाते हैं, उनको इतने ही दिन पूरे लगते है; और मिस्री लोग उसके लिये सत्तर दिन तक विलाप करते रहे।

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पवित्र बाइबल

जब मिस्री लोगों ने विशेष तरह से शव तैयार किया तब उसने दफनाने के पहले चालीस दिन तक प्रतिज्ञा की। उसके बाद मिस्रियों ने याकूब के लिए शोक का विशेष समय रखा। यह समय सत्तर दिन का था।

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Hindi Holy Bible

और उसके चालीस दिन पूरे हुए। क्योंकि जिनकी लोथ में सुगन्धद्रव्य भरे जाते हैं, उन को इतने ही दिन पूरे लगते हैं: और मिस्री लोग उसके लिये सत्तर दिन तक विलाप करते रहे॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इस संलेपन-कार्य में चालीस दिन लगे; क्‍योंकि शव पर मसाले का लेप लगाने के लिए इतने ही दिन लगते हैं। मिस्र के निवासियों ने याकूब के लिए सत्तर दिन तक शोक मनाया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और उसके चालीस दिन पूरे हुए, क्योंकि जिनके शव में सुगन्धद्रव्य भरे जाते हैं, उनको इतने ही दिन पूरे लगते हैं : और मिस्री लोग उसके लिये सत्तर दिन तक विलाप करते रहे।

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नवीन हिंदी बाइबल

इसमें चालीस दिन लगे, क्योंकि शव-लेपन में इतने ही दिन लगते हैं। तब मिस्री लोगों ने उसके लिए सत्तर दिन तक शोक मनाया।

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सरल हिन्दी बाइबल

इस काम में चालीस दिन लग जाते थे. मिस्रवासियों ने याकोब के लिए सत्तर दिन तक शोक मनाया.

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उत्पत्ति 50:3
5 क्रॉस रेफरेंस  

जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया, और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया।


जब उसके विलाप के दिन बीत गए, तब यूसुफ फ़िरौन के घराने के लोगों से कहने लगा, “यदि तुम्हारे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो तो मेरी यह विनती फ़िरौन को सुनाओ,


और जब इस्राएल की सारी मण्डली ने देखा कि हारून का प्राण छूट गया है, तब इस्राएल के सब घराने के लोग उसके लिये तीस दिन तक रोते रहे। (उत्प. 50:3, व्यव. 34:8)


और अपने बन्धन के वस्त्र उतारकर तेरे घर में महीने भर रहकर अपने माता पिता के लिये विलाप करती रहे; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पति और वह तेरी पत्नी बने।


और इस्राएली मोआब के अराबा में मूसा के लिये तीस दिन तक रोते रहे; तब मूसा के लिये रोने और विलाप करने के दिन पूरे हुए।