और आदम अपनी पत्नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।” (उत्प. 5:3,4)
उत्पत्ति 5:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। पवित्र बाइबल जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हो गया तब वह एक और बच्चे का पिता हुआ। यह पुत्र ठीक आदम सा दिखाई देता था। आदम ने पुत्र का नाम शेत रखा। Hindi Holy Bible जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम शेत रखा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ तब उसने अपने सदृश, अपने ही स्वरूप में एक पुत्र को उत्पन्न किया। उसने उसका नाम ‘शेत’ रखा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। नवीन हिंदी बाइबल जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ तो उसकी समानता में, उसके स्वरूप के अनुसार, उसका एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। सरल हिन्दी बाइबल जब आदम 130 वर्ष के हुए, तब एक पुत्र पैदा हुआ, जिनका रूप स्वयं उन्हीं के समान था; उनका शेत नाम रखा गया. |
और आदम अपनी पत्नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।” (उत्प. 5:3,4)
उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्टि के दिन उनका नाम आदम रखा। (मत्ती 19:4, मर. 10:6)
और शेत के जन्म के पश्चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ है वह कैसे निर्मल हो सकता है?
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा। (यूह. 3:6, रोम. 5:12, इफि. 2:3)
स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी; इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
और वह केनान का, वह अरफक्षद का, और वह शेम का, वह नूह का, वह लेमेक का, (उत्प. 11:10-26, 1 इति. 1:24-27)
इसलिए जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया। (1 कुरि. 15:21,22)
सब शरीर एक समान नहीं, परन्तु मनुष्यों का शरीर और है, पशुओं का शरीर और है; पक्षियों का शरीर और है; मछलियों का शरीर और है।
और जैसे हमने उसका रूप जो मिट्टी का था धारण किया वैसे ही उस स्वर्गीय का रूप भी धारण करेंगे। (1 यूह. 3:2)
इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।