जब इस्राएल उस देश में बसा था, तब एक दिन ऐसा हुआ कि रूबेन ने जाकर अपने पिता की रखैली बिल्हा के साथ कुकर्म किया; और यह बात इस्राएल को मालूम हो गई। याकूब के बारह पुत्र हुए।
उत्पत्ति 49:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू जो जल के समान उबलनेवाला है, इसलिए दूसरों से श्रेष्ठ न ठहरेगा; क्योंकि तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा, तब तूने उसको अशुद्ध किया; वह मेरे बिछौने पर चढ़ गया। पवित्र बाइबल किन्तु तुम बाढ़ की तंरगों की तरह प्रचण्ड हो। तुम मेरे सभी पुत्रों से अधिक महत्व के नहीं हो सकोगे। तुम उस स्त्री के साथ सोए जो तुम्हारे पिता की थी। तुमने अपने पिता के बिछौने को सम्मान नहीं दिया।” Hindi Holy Bible तू जो जल की नाईं उबलने वाला है, इसलिये औरों से श्रेष्ट न ठहरेगा; क्योंकि तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा, तब तू ने उसको अशुद्ध किया; वह मेरे बिछौने पर चढ़ गया॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू जल के झाग के सदृश अस्थिर है। तू श्रेष्ठ नहीं रहेगा। क्योंकि तू अपने पिता की शय्या पर चढ़ा था, तूने उसे अपवित्र किया था, तू मेरे बिछौने पर चढ़ा था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू जो जल के समान उबलनेवाला है, इसलिये दूसरों से श्रेष्ठ न ठहरेगा; क्योंकि तू अपने पिता की खाट पर चढ़ा, तब तू ने उसको अशुद्ध किया; वह मेरे बिछौने पर चढ़ गया। नवीन हिंदी बाइबल तू अस्थिर जल के समान है, तू श्रेष्ठ न ठहरेगा, क्योंकि तूने अपने पिता की खाट पर चढ़कर उसे अशुद्ध किया है— वह मेरे बिछौने पर चढ़ गया। सरल हिन्दी बाइबल जो अशांत पानी के समान उग्र हैं, इसलिये तुम महान न बनोगे, क्योंकि तुमने अपने पिता के बिछौने को अशुद्ध किया. |
जब इस्राएल उस देश में बसा था, तब एक दिन ऐसा हुआ कि रूबेन ने जाकर अपने पिता की रखैली बिल्हा के साथ कुकर्म किया; और यह बात इस्राएल को मालूम हो गई। याकूब के बारह पुत्र हुए।
याकूब के साथ जो इस्राएली, अर्थात् उसके बेटे, पोते, आदि मिस्र में आए, उनके नाम ये हैं याकूब का जेठा रूबेन था।
इस्राएल का जेठा तो रूबेन था, परन्तु उसने जो अपने पिता के बिछौने को अशुद्ध किया, इस कारण जेठे का अधिकार इस्राएल के पुत्र यूसुफ के पुत्रों को दिया गया। वंशावली जेठे के अधिकार के अनुसार नहीं ठहरी।
यहाँ तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन् ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक पुरुष अपने पिता की पत्नी को रखता है। (लैव्य. 18:8, व्यव. 22:30)
‘श्रापित हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकर्म करे, क्योंकि वह अपने पिता का ओढ़ना उघाड़ता है।’ तब सब लोग कहें, ‘आमीन।’
‘तू न किसी की पत्नी का लालच करना, और न किसी के घर का लालच करना, न उसके खेत का, न उसके दास का, न उसकी दासी का, न उसके बैल या गदहे का, न उसकी किसी और वस्तु का लालच करना।’
उनकी आँखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रुक नहीं सकते; वे चंचल मनवालों को फुसला लेते हैं; उनके मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप की सन्तान हैं।
वैसे ही उसने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिनमें कितनी बातें ऐसी हैं, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उनके अर्थों को भी पवित्रशास्त्र की अन्य बातों के समान खींच तानकर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।