जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।
उत्पत्ति 48:15 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, “परमेश्वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक चलते थे वही परमेश्वर मेरे जन्म से लेकर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है; (इब्रा. 11:21) पवित्र बाइबल और इस्राएल ने यूसुफ को आशीर्वाद दिया और कहा, “मेरे पूर्वज इब्राहीम और इसहाक ने हमारे परमेश्वर की उपासना की और वही परमेश्वर मेरे पूरे जीवन का पथ—प्रदर्शक रहा है। Hindi Holy Bible फिर उसने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, परमेश्वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे इब्राहीम और इसहाक (अपने को जानकर ) चलते थे वही परमेश्वर मेरे जन्म से ले कर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है ; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तदुपरान्त उन्होंने उनको आशीर्वाद दिया: ‘परमेश्वर, जिसकी उपस्थिति में रहकर मेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक आचरण करते थे, परमेश्वर, जिसने दीर्घायु में आज तक मेरा नेतृत्व किया, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, “परमेश्वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक चले, वही परमेश्वर मेरे जन्म से लेकर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है; नवीन हिंदी बाइबल फिर उसने यह कहते हुए यूसुफ को आशीर्वाद दिया, “वह परमेश्वर जिसके सामने मेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक चलते थे, वही परमेश्वर जन्म से लेकर आज तक मेरा चरवाहा रहा है; सरल हिन्दी बाइबल योसेफ़ को आशीष देते हुए इस्राएल ने कहा, “परमेश्वर, जिसके सम्मुख मेरे पूर्वज अब्राहाम तथा यित्सहाक चलते थे, वही परमेश्वर, जीवन भर आज तक मेरा चरवाहा बनकर रहे हैं, |
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।
तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौद में उण्डेलकर फिर कुएँ पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊँटों के लिये पानी भर दिया।
तब उसने मुझसे कहा, ‘यहोवा, जिसके सामने मैं चलता आया हूँ, वह तेरे संग अपने दूत को भेजकर तेरी यात्रा को सफल करेगा; और तू मेरे कुल, और मेरे पिता के घराने में से मेरे पुत्र के लिये एक स्त्री ले आ सकेगा।
उसने निकट जाकर उसको चूमा। और उसने उसके वस्त्रों का सुगन्ध पाकर उसको वह आशीर्वाद दिया, “देख, मेरे पुत्र की सुगन्ध जो ऐसे खेत की सी है जिस पर यहोवा ने आशीष दी हो;
तब मेरी रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बनाकर मेरे पास ले आना, कि मैं उसे खाकर मरने से पहले तुझे जी भरकर आशीर्वाद दूँ।”
याकूब ने यह मन्नत मानी, “यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहनने के लिये कपड़ा दे,
और यह पत्थर, जिसका मैंने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।”
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुझे आशीष दे, और फलवन्त करके बढ़ाए, और तू राज्य-राज्य की मण्डली का मूल हो।
और आओ, हम यहाँ से निकलकर बेतेल को जाएँ; वहाँ मैं परमेश्वर के लिये एक वेदी बनाऊँगा, जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली, और जिस मार्ग से मैं चलता था, उसमें मेरे संग रहा।”
और वही दूत मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे; और ये मेरे और मेरे बापदादे अब्राहम और इसहाक के कहलाएँ; और पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।” (इब्रा. 11:21)
यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है; उसकी डालियाँ दीवार पर से चढ़कर फैल जाती हैं।
पर उसका धनुष दृढ़ रहा, और उसकी बाँह और हाथ याकूब के उसी शक्तिमान परमेश्वर के हाथों के द्वारा फुर्तीले हुए, जिसके पास से वह चरवाहा आएगा, जो इस्राएल की चट्टान भी ठहरेगा।
इस्राएल के बारहों गोत्र ये ही हैं और उनके पिता ने जिस-जिस वचन से उनको आशीर्वाद दिया, वे ये ही हैं; एक-एक को उसके आशीर्वाद के अनुसार उसने आशीर्वाद दिया।
नूह की वंशावली यह है। नूह धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था; और नूह परमेश्वर ही के साथ-साथ चलता रहा।
सुलैमान ने कहा, “तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साथ सच्चाई और धार्मिकता और मन की सिधाई से चलता रहा; और तूने यहाँ तक उस पर करुणा की थी कि उसे उसकी गद्दी पर बिराजनेवाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है।
इस्राएल का जेठा तो रूबेन था, परन्तु उसने जो अपने पिता के बिछौने को अशुद्ध किया, इस कारण जेठे का अधिकार इस्राएल के पुत्र यूसुफ के पुत्रों को दिया गया। वंशावली जेठे के अधिकार के अनुसार नहीं ठहरी।
मैंने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिए कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊँगा।
इसलिए अब जाकर इस्राएली पुरनियों को इकट्ठा कर, और उनसे कह, ‘तुम्हारे पूर्वज अब्राहम, इसहाक, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने मुझे दर्शन देकर यह कहा है कि मैंने तुम पर और तुम से जो बर्ताव मिस्र में किया जाता है उस पर भी चित्त लगाया है;
परिश्रम करनेवाला चाहे थोड़ा खाए, या बहुत, तो भी उसकी नींद सुखदाई होती है; परन्तु धनी के धन बढ़ने के कारण उसको नींद नहीं आती।
सुन, जो भली बात मैंने देखी है, वरन् जो उचित है, वह यह कि मनुष्य खाए और पीए और अपने परिश्रम से जो वह सूर्य के नीचे करता है, अपनी सारी आयु भर जो परमेश्वर ने उसे दी है, सुखी रहे क्योंकि उसका भाग यही है।
और जब कभी तुम दाहिनी या बायीं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, “मार्ग यही है, इसी पर चलो।”
वह चट्टानों के गढ़ों में शरण लिए हुए रहेगा; उसको रोटी मिलेगी और पानी की घटी कभी न होगी।
सूर्य, चन्द्रमा और आकाश के सारे गणों के सामने फैलाई जाएँगी; क्योंकि वे उन्हीं से प्रेम रखते, उन्हीं की सेवा करते, उन्हीं के पीछे चलते, और उन्हीं के पास जाया करते और उन्हीं को दण्डवत् करते थे; और न वे इकट्ठी की जाएँगी न कब्र में रखी जाएँगी; वे भूमि के ऊपर खाद के समान पड़ी रहेंगी।
और वे दोनों परमेश्वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे।
क्योंकि हम अपने विवेक की इस गवाही पर घमण्ड करते हैं, कि जगत में और विशेष करके तुम्हारे बीच हमारा चरित्र परमेश्वर के योग्य ऐसी पवित्रता और सच्चाई सहित था, जो शारीरिक ज्ञान से नहीं, परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह के साथ था।
कि तुम्हारा चाल-चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
विश्वास ही से याकूब ने मरते समय यूसुफ के दोनों पुत्रों में से एक-एक को आशीष दी, और अपनी लाठी के सिरे पर सहारा लेकर दण्डवत् किया। (उत्प. 47:31, उत्प. 48:15,16)