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उत्पत्ति 28:11 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिए उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया।

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पवित्र बाइबल

याकूब के यात्रा करते समय ही सूरज डूब गया था। इसलिए याकूब रात बिताने के लिए एक जगह ठहरने गया। याकूब ने उस जगह एक चट्टान देखी और सोने के लिए इस पर अपना सिर रखा।

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Hindi Holy Bible

और उसने किसी स्थान में पहुंच कर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; सो उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बना कर रखा, और उसी स्थान में सो गया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह एक स्‍थान पर पहुँचा। उसने वहीं रात व्‍यतीत की; क्‍योंकि सूर्य अस्‍त हो गया था। उसने उस स्‍थान में पड़े पत्‍थरों में से एक पत्‍थर लेकर उसे अपने सिर के नीचे रखा, और वह उसी स्‍थान पर सो गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिये उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया।

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नवीन हिंदी बाइबल

जब वह किसी स्थान पर पहुँचा तो उसने वहीं रात बिताई, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था। इसलिए उसने उस स्थान से एक पत्थर लिया और उसे अपने सिर के नीचे रखकर वहीं सो गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

जब वह एक जगह पहुंचा तब रात को उन्हें वहां रुकना पड़ा, क्योंकि तब तक सूरज ढल चुका था. उन्होंने एक पत्थर अपने सिर के नीचे रखा और लेट गए.

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उत्पत्ति 28:11
6 क्रॉस रेफरेंस  

जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और महा अंधकार ने उसे छा लिया।


भोर को याकूब उठा, और अपने तकिये का पत्थर लेकर उसका खम्भा खड़ा किया, और उसके सिरे पर तेल डाल दिया।


और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहले लूज था।


तब याकूब ने अपने भाई-बन्धुओं से कहा, “पत्थर इकट्ठा करो,” यह सुनकर उन्होंने पत्थर इकट्ठा करके एक ढेर लगाया और वहीं ढेर के पास उन्होंने भोजन किया।


यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।”


क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हमको अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्ति में भी मसीह के द्वारा अधिक सहभागी होते है।