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उत्पत्ति 2:16 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, “तू वाटिका के किसी भी वृक्षों का फल खा सकता है;

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पवित्र बाइबल

यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य को आज्ञा दी, “तुम बग़ीचे के किसी भी पेड़ से फल खा सकते हो।

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Hindi Holy Bible

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है:

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को आज्ञा दी, ‘तुम उद्यान के सब पेड़ों के फल निस्‍संकोच खा सकते हो,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और यहोवा परमेश्‍वर ने आदम* को यह आज्ञा दी, “तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है;

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नवीन हिंदी बाइबल

फिर यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को यह कहकर आज्ञा दी, “तू वाटिका के किसी भी वृक्ष का फल निस्संकोच खा सकता है,

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सरल हिन्दी बाइबल

याहवेह परमेश्वर ने मनुष्य से यह कहा, “तुम बगीचे के किसी भी पेड़ के फल खा सकते हो;

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उत्पत्ति 2:16
8 क्रॉस रेफरेंस  

फिर परमेश्वर ने उनसे कहा, “सुनो, जितने बीजवाले छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैंने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं; (रोम. 14:2)


तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को लेकर अदन की वाटिका में रख दिया, कि वह उसमें काम करे और उसकी रखवाली करे।


और यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भाँति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं, उगाए, और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया। (प्रका. 2:7, प्रका. 22:14)


पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न ही उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।”


क्योंकि परमेश्वर की सृजी हुई हर एक वस्तु अच्छी है, और कोई वस्तु अस्वीकार करने के योग्य नहीं; पर यह कि धन्यवाद के साथ खाई जाए; (उत्प. 1:31)


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और अनिश्चित धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। (भज. 62:10)


शमूएल ने कहा, “क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन, मानना तो बलि चढ़ाने से और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। (मर. 12:32,33)