2 इतिहास 29:30 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019
राजा हिजकिय्याह और हाकिमों ने लेवियों को आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दर्शी के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। अतः उन्होंने आनन्द के साथ स्तुति की और सिर झुकाकर दण्डवत् किया।
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राजा हिजकिय्याह और उसके अधिकारियों ने लेवीवंशियों को यहोवा की स्तुति का आदेश दिया। उन्होंने उन गीतों को गाया जिन्हें दाऊद और दृष्टा आसाप ने लिखा था। उन्होंने यहोवा की स्तुति की और प्रसन्न हुए। वे सभी झुके और उन्होंने यहोवा की उपासना की।
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और राजा हिजकिय्याह और हाकिमों ने लेवियों को आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दशीं के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। और उन्होंने आनन्द के साथ स्तुति की और सिर नवाकर दण्डवत किया।
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इसके पश्चात् राजा हिजकियाह और उसके उच्चाधिकारियों ने उप-पुरोहितों को आदेश दिया कि वे राजा दाऊद तथा द्रष्टा आसाफ के रचे हुए गीतों से प्रभु का स्तुति-गान करें। अत: उप-पुरोहितों ने हर्ष और उल्लास से स्तुति-गान गाए, और राजा तथा उसके साथ उपस्थित आराधकों ने प्रभु के सम्मुख सिर झुकाकर आराधना की।
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राजा हिजकिय्याह और हाकिमों ने लेवियों को आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दर्शी के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। अत: उन्होंने आनन्द के साथ स्तुति की और सिर झुकाकर दण्डवत् किया।
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इसके अलावा राजा हिज़किय्याह और उपस्थित अधिकारियों ने आदेश दिया, कि दावीद और दर्शी आसफ की गीत रचनाओं द्वारा लेवी याहवेह की स्तुति करें. तब उन्होंने बड़ी खुशी से स्तुति की और झुक-झुक कर आराधना की.
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