1 मैं शारोन देश का गुलाब और तराइयों में का सोसन फूल हूँ। वर2 जैसे सोसन फूल कँटीले पेड़ों के बीच वैसे ही मेरी प्रिय युवतियों के बीच में है। वधू3 जैसे सेब का वृक्ष जंगल के वृक्षों के बीच में, वैसे ही मेरा प्रेमी जवानों के बीच में है। मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, और उसका फल मुझे खाने में मीठा लगा। 4 वह मुझे भोज के घर में ले आया, और उसका जो झण्डा मेरे ऊपर फहराता था वह प्रेम था। 5 मुझे किशमिश खिलाकर संभालो, सेब खिलाकर बल दो; क्योंकि मैं प्रेम में रोगी हूँ। 6 काश, उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे होता, और अपने दाहिने हाथ से वह मेरा आलिंगन करता! 7 हे यरूशलेम की पुत्रियो, मैं तुम से चिकारियों और मैदान की हरिणियों की शपथ धराकर कहती हूँ, कि जब तक प्रेम आप से न उठे, तब तक उसको न उसकाओ न जगाओ। दूसरा गीत वधू8 मेरे प्रेमी का शब्द सुन पड़ता है! देखो, वह पहाड़ों पर कूदता और पहाड़ियों को फान्दता हुआ आता है। 9 मेरा प्रेमी चिकारे या जवान हरिण के समान है। देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, और खिड़कियों की ओर ताक रहा है, और झंझरी में से देख रहा है। 10 मेरा प्रेमी मुझ से कह रहा है, “हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ; वर11 क्योंकि देख, जाड़ा जाता रहा, वर्षा भी हो चुकी और जाती रही है। 12 पृथ्वी पर फूल दिखाई देते हैं, चिड़ियों के गाने का समय आ पहुँचा है, और हमारे देश में पिन्डुक का शब्द सुनाई देता है। 13 अंजीर पकने लगे हैं, और दाखलताएँ फूल रही हैं; वे सुगन्ध दे रही हैं। हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ। 14 हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुन्ज में मुझे अपना मुख देखने दे, मुझे अपना बोल सुनने दे, क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है। 15 जो छोटी लोमड़ियाँ दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले, क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं।” वधू16 मेरा प्रेमी मेरा है और मैं उसकी हूँ, वह अपनी भेड़–बकरियाँ सोसन फूलों के बीच में चराता है। 17 जब तक दिन ठण्डा न हो और छाया लम्बी होते होते मिट न जाए, तब तक हे मेरे प्रेमी, उस चिकारे या जवान हरिण के समान बन जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है। |
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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