पहिलौठों की मृत्यु की चेतावनी1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “एक और विपत्ति मैं फ़िरौन और मिस्र देश पर डालता हूँ, उसके पश्चात् वह तुम लोगों को वहाँ से जाने देगा; और जब वह जाने देगा तब तुम सभों को निश्चय निकाल देगा। 2 मेरी प्रजा को मेरी यह आज्ञा सुना कि एक एक पुरुष अपने अपने पड़ोसी, और एक एक स्त्री अपनी अपनी पड़ोसिन से सोने–चाँदी के गहने माँग ले।” 3 तब यहोवा ने मिस्रियों को अपनी प्रजा पर दयालु किया। इसके अतिरिक्त वह पुरुष मूसा, मिस्र देश में फ़िरौन के कर्मचारियों और साधारण लोगों की दृष्टि में अति महान् था। 4 फिर मूसा ने कहा, “यहोवा इस प्रकार कहता है : आधी रात के लगभग मैं मिस्र देश के बीच में होकर चलूँगा। 5 तब मिस्र में सिंहासन पर विराजने वाले फ़िरौन से लेकर चक्की पीसनेवाली दासी तक के पहिलौठे; वरन् पशुओं तक के सब पहिलौठे मर जाएँगे। 6 और सारे मिस्र देश में बड़ा हाहाकार मचेगा, यहाँ तक कि उसके समान न तो कभी हुआ और न होगा। 7 पर इस्राएलियों के विरुद्ध, क्या मनुष्य क्या पशु, किसी पर कोई कुत्ता भी न भोंकेगा; जिससे तुम जान लो कि मिस्रियों और इस्राएलियों में मैं यहोवा अन्तर करता हूँ। 8 तब तेरे ये सब कर्मचारी मेरे पास आ मुझे दण्डवत् करके यह कहेंगे, ‘अपने सब अनुचरों समेत निकल जा।’ और उसके पश्चात् मैं निकल जाऊँगा।” यह कह कर मूसा बड़े क्रोध में फ़िरौन के पास से निकल गया। 9 यहोवा ने मूसा से कह दिया था, “फ़िरौन तुम्हारी न सुनेगा; क्योंकि मेरी इच्छा है कि मिस्र देश में बहुत से चमत्कार करूँ।” 10 मूसा और हारून ने फ़िरौन के सामने ये सब चमत्कार किए; पर यहोवा ने फ़िरौन का मन और कठोर कर दिया, इसलिये उसने इस्राएलियों को अपने देश से जाने न दिया। |
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