यिप्तह और एप्रैम1 एप्रैम के परिवार समूह के लोगों ने अपने सैनिकों को इकट्ठा किया। तब वे नदी पार करके सापोन नगर गए। उन्होंने यिप्तह से कहा, “तुमने अम्मोनी लोगों से लड़ने में सहायता के लिये हमें क्यों नहीं बुलाया? हम लोग तुमको और तुम्हारे घर को जला देंगे।” 2 यिप्तह ने उन्हें उत्तर दिया, “अम्मोनी लोग हम लोगों के लिये अनेक समस्यायें उत्पन्न कर रहे थे। इसलिए मैं और हमारे लोग उनके विरुद्ध लड़े। मैंने तुम लोगों को बुलाया, किन्तु तुम लोग हम लोगों की सहायता करने नहीं आए। 3 मैंने देखा कि तुम लोग सहायता नहीं करोगे। इसलिए मैंने अपना जीवन खतरे में डाला। मैं अम्मोनी लोगों से लड़ने के लिये नदी के पार गया। यहोवा ने उन्हें हराने में मेरी सहायता की। अब आज तुम मेरे विरुद्ध लड़ने क्यों आए हो?” 4 तब यिप्तह ने गिलाद के लोगों को एक साथ बुलाया। वे एप्रैम के परिवार समूह के लोगों के साथ लड़े। वे एप्रैम के लोगों के विरुद्ध इसलिए लड़े, क्योंकि उन लोगों ने गिलाद के लोगों का अपमान किया था। उन्होंने कहा था, “गिलाद के लोगो, तुम लोग एप्रैम के बचे हुए लोगों के अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं हो। तुम लोगों के पास अपना प्रदेश भी नहीं है। तुम लोगों का एक भाग एप्रैम में से है तथा दूसरा भाग मनश्शे में से है।” गिलाद के लोगों ने एप्रैम के लोगों को हराया। 5 गिलाद के लोगों ने यरदन नदी के घाटों पर अधिकार कर लिया। वे घाट एप्रैम प्रदेश तक ले जाते थे। एप्रैम में से बचा हुआ जो कोई भी नदी पर आता, वह कहता, “मुझे पार करने दो” तो गिलाद के लोग उससे पूछते, “क्या तुम एप्रैम में से हो?” यदि वह “नहीं” कहता तो, 6 वे कहते, “‘शिब्बोलेत’ शब्द का उच्चारण करो।” एप्रैम के लोग उस शब्द का शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकते थे। वे उसे “सिब्बोलेत” शब्द उच्चारण करते थे। यदि एप्रैम में से बचा व्यक्ति “सिब्बोलेत” शब्द का उच्चारण करता तो गिलाद के लोग उसे घाट पर मार देते थे। इस प्रकार उस समय एप्रैम में से बयालीस हजार व्यक्ति मारे गए थे। 7 यिप्तह इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश छ: वर्ष तक रहा। तब गिलाद का निवासी यिप्तह मर गया। उसे गिलाद में उसके अपने नगर में दफनाया गया। न्यायाधीश इबसान8 यिप्तह के मरने के बाद इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश इबसान नामक व्यक्ति हुआ। इबसान बेतलेहेम नगर का निवासी था। 9 इबसान के तीस पुत्र और तीस पुत्रियाँ थीं। उसने अपनी पुत्रियों को उन लोगों के साथ विवाह करने दिया, जो उसके रिश्तेदार नहीं थे। वह ऐसी तीस स्त्रियों को अपने पुत्रों की पत्नियों के रूप में लाया जो उसकी रिश्तेदार नहीं थीं। इबसान इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश सात वर्ष तक रहा। 10 तब इबसान मर गया। वह बेतलेहेम नगर में दफनाया गया। न्यायाधीश एलोन11 इबसान के मरने के बाद इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश एलोन नामक व्यक्ति हुआ। एलोन जबूलून के परिवार समूह से था। वह इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश दस वर्ष तक रहा। 12 तब जबूलून के परिवार समूह का व्यक्ति एलोन मर गया। वह जबूलून के प्रदेश में अय्यालोन नगर में दफनाया गया। न्यायाधीश अब्दोन13 एलोन के मरने के बाद इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश अब्दोन नामक व्यक्ति हुआ। अब्दोन हिल्लेल नामक व्यक्ति का पुत्र था। अब्दोन पिरातोन नगर का निवासी था। 14 अब्दोन के चालीस पुत्र और तीस पौत्र थे। वे सत्तर गधों पर सवार होते थे। अब्दोन इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश आठ वर्ष तक रहा। 15 तब हिल्लेल का पुत्र अब्दोन मर गया। वह पिरातोन नगर में दफनाया गया। पिरातोन एप्रैम प्रदेश में है। यह वह पहाड़ी प्रदेश है जहाँ अमालेकी लोग रहते हैं। |
Hindi Holy Bible: Easy-to-Read Version
All rights reserved.
© 1995 Bible League International
Bible League International