आभारी हृदयदाऊद का भजन। 1 मैं संपूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूँगा; देवताओं के सामने भी मैं तेरा भजन गाऊँगा। 2 मैं तेरे पवित्र मंदिर की ओर दंडवत् करूँगा, और तेरी करुणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा; क्योंकि तूने सब बातों से बढ़कर अपने नाम और अपने वचन को महत्त्व दिया है। 3 जिस दिन मैंने पुकारा, तूने मेरी सुन ली; तूने मुझे बल देकर मेरा साहस बढ़ाया। 4 हे यहोवा, पृथ्वी के सब राजा तेरा धन्यवाद करेंगे, क्योंकि उन्होंने तेरे मुँह से निकले वचनों को सुना है। 5 वे यहोवा के कार्यों के विषय में गाएँगे, क्योंकि यहोवा की महिमा बड़ी है। 6 यद्यपि यहोवा महान है, फिर भी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परंतु अहंकारी मनुष्य को दूर से ही पहचानता है। 7 चाहे मैं संकट से होकर जाऊँ, फिर भी तू मुझे सुरक्षित रखेगा; तू मेरे शत्रुओं के क्रोध के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाएगा, और तेरा दाहिना हाथ मुझे बचाएगा। 8 यहोवा मेरे लिए सब कुछ पूरा करेगा। हे यहोवा, तेरी करुणा सदा की है; तू अपने हाथों के कार्यों को न त्याग। |