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नीतिवचन 10:14 - नवीन हिंदी बाइबल

बुद्धिमान लोग ज्ञान का संचय करते हैं, परंतु मूर्ख के बोलने से विनाश निकट आता है।

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पवित्र बाइबल

बुद्धिमान लोग, ज्ञान का संचय करते रहते, किन्तु मूर्ख की वाणी विपत्ति को बुलाती है।

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Hindi Holy Bible

बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

बुद्धिमान अपनी बातों से ज्ञान का कोष एकत्र करता है, पर जब मूर्ख बक-बक करता है, तब उसका विनाश समीप आ जाता है!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

बुद्धिमान ज्ञान का संचयन करते हैं, किंतु मूर्ख की बातें विनाश आमंत्रित करती है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

बुद्धिमान लोग ज्ञान का संग्रह करते है, परन्तु मूर्ख के बोलने से विनाश होता है।

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नीतिवचन 10:14
17 क्रॉस रेफरेंस  

बुद्धिमान इन्हें सुनकर अपना ज्ञान बढ़ाए, और समझदार व्यक्‍ति मार्गदर्शन प्राप्‍त करे,


जो नैन से सैन करता है, वह दुःख पहुँचाता है, परंतु जो बकवादी और मूर्ख है, वह नष्‍ट हो जाएगा।


जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को मानता है, परंतु जो बकवादी और मूर्ख है, वह नष्‍ट हो जाएगा।


समझदार मनुष्य ज्ञान को छिपाए रखता है, परंतु मूर्ख अपने मन की मूर्खता का प्रदर्शन करता है।


जो अपने मुँह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है; पर जो व्यर्थ की बातें करता है, उसका विनाश होता है।


कुटिल मनवाला व्यक्‍ति सुख-समृद्धि नहीं पाता; और जो अपनी बात से पलट जाता है, वह विपत्ति में पड़ता है।


जो स्वयं को दूसरों से अलग करता है, वह अपनी ही लालसा पूरी करना चाहता है, और सब प्रकार की खरी बुद्धि को ठुकरा देता है।


समझदार मनुष्य का मन ज्ञान प्राप्‍त करता है, और बुद्धिमान के कान ज्ञान की खोज में लगे रहते हैं।


मूर्ख की बातों के कारण उसका विनाश होता है, और उसके शब्द उसके प्राण के लिए फंदा बनते हैं।


जो बुद्धि प्राप्‍त करता है, वह अपने प्राण से प्रीति रखता है; और जो समझ की चौकसी करता है, वह समृद्ध होता है।


जो अपने मुँह और जीभ पर नियंत्रण रखता है, वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।


बुद्धिमान को शिक्षा दे तो वह अधिक बुद्धिमान होगा; धर्मी को सिखा तो वह अपनी विद्या बढ़ाएगा।


बुद्धिमान के मुख से निकले वचन कृपा का कारण होते हैं, परंतु मूर्ख के होंठ उसके विनाश का कारण बनते हैं;


भला मनुष्य अपनेभले भंडार से भली बातें निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने बुरे भंडार से बुरी बातें निकालता है।


“स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे उस धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाकर फिर छिपा दिया। तब मारे आनंद के उसने जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस खेत को खरीद लिया।


तब उसने उनसे कहा,“इस कारण प्रत्येक शास्‍त्री जो स्वर्ग के राज्य का शिष्य बना है, ऐसे मनुष्य के समान है जो घर का स्वामी है और अपने भंडार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”