कर्नेलियस कही, “चार दिन पहिले, जहे समय, मए अपने घरमे दुपहारके तीन बजे प्राथना करनडटो रहओं तओ एक लोग चम्कन बारो लत्ता लगाओ भओ मिर अग्गु आएके ठाणो, और कही,
आओ और राजनको, कप्तानको, शक्तिशाली सिपाहीनको, घोडा और बोमे बैठन बारेनको बुट्टी खाओ। तुम सब मरे भए आदमीनको अर्थात् कमैया और स्वतन्त्र, साधारण और महत्तोपूर्ण आदमीनको बुट्टी खाए सकत हओ।”
जाके पच्छु मए देखो, कि आदमीनको एक इतनी बणी भिड रहए, कि कोइ फिर बे सबके नाए गिनपैतो। बे संसारके हर जाति, कुल, राष्ट्र और भाषासे रहएं। बे सिंहासन और थुमाके ठिन ठाणे रहएं। बे सेतो लत्ता पैँधे रहएं और सबए आदमी अपने-अपने हातमे, खजुरिक हँगा पक्णे रहएं, जोकी सम्मानको चिन्हा रहए।