3 “तुम अपन सँगी-बिश्वासीनको छोटी-छोटी गल्ती देखलेत हओ। पर अपनी बणी-बणी गल्ती नाए देखतहओ।
3 तैं काहे अपने भईय्या की आँखी के कूरा कै देखथै, और अपनी आँखी को लट्ठा तोकै नाय दिखथै?
जब तुमर अपनी भितर बणी-बणी गल्ती हएं, तओ तुम छोटी गल्ती करन बारे आदमीनके मदत करन कोसिस मत् करओ!
ए कपटी, पहिले अपन बडो गल्तीके सुधार फिर तए सफासे अपन भइया कि आँखीको कुराके निकार पबैगो। और बिनकी छोटी गल्तीके सुधारनमे मदत कर पबैगो।
फरिसीनको समुहको आदमी ठाणके अपन मनए-मनमे अइसे परमेश्वरसे प्राथना करन लागो, ‘हे परमेश्वर, मए तुमके धन्यबाद देत हओं, कि मए औ आदमीनके जैसो फाटहा, अन्यायी, व्यभिचारी, और नए जा कर उठान बारो जैसो हओं।
शायद तुम अइसो सोँचत हुइहओ, कि तुम दुस्रोके दोष लगाए सकत हओ। पर हे दोष लगान बारे, तुम जो औरेके उपर दोष लगात हओ, तुम कोइ बहाना नाए बनाए पाबैगे; काहेकी जौन बातमे तुम औरेके दोष लगात हओ, बहे बातमे तुम अपनएके फिर दोषी ठहिरात हओ। जहेमारे जौन कामको बधी तुम औरेनके लगात हओ, बो काम तुम अपना फिर करत हओ।
हे मेरे बिश्वासी ददाभइयओ, तुम जो पबित्र आत्मासे अगुवाई करे जातहओ, तुमके अइसो करनके चाहो: अगर कोइ बिश्वासी पाप करी हए, तओ तुम मैसे कोइके पबित्र आत्माको अगुवाई हए कहेसे नम्रतासे बोके सही डगरमे लौटाएके लियाबओ। और अपना फिर होसियार रहाबओ, ताकी तुम फिर परीक्षामे नाए पणओ।