लूका 6:44 - राना थारु नयाँ नियम44 हरेक रुखा बोको फरासे चिन्हो जातहए। काहेकी काँटोको झाँगसे कोइ अञ्जिरको फरा नाए तोरत हएं, नए त अंगुर तोरत हएं। 參見章節परमेस्वर को सच्चो वचन44 हर एक पेंड़ अपने फल से जानो जाथै: काहैकि लोग कांटे बारी झाड़ी से अंजीर नाय तोड़थैं, और ना कटबंजर बारी झाड़िन से अंगूर तोड़थैं। 參見章節 |
जब जे आदमी प्रभुको प्रेम याद करके तुमर भोजमे तुमर सँग खात हएं, बे डर लगन बारो चट्टान कता हएं जो समुन्दर भितर लुके होत हएं और बे तुमके डुबान सिकत हएं। बे सरम नाएभए बक्रेहेरा कता हएं, जौन अपनो इकल्लो ख्याल करत हएं। बे बो बद्रि कता हएं, जौन सुखो जमिनमे बिना बर्षे ब्यार उणाएके लैजात हए। बे फरन बारे बे रुखा कता हएं, जो दुई चोटी मरचिके होत हएं, काहेकी बे कोइ फरा नाए देत हएं और जरएसे उख्डे रहात हएं। बो कहोक, बे पुरो मुस्किलमे हएं।