याकूब 4:5 - राना थारु नयाँ नियम5 का तुम जा सम्झत हओ, कि पबित्र-शास्त्र अइसो कहात हए, “हमरे भितर परमेश्वरको धरो भओ आत्माके ताहीं बा बहुत बडो इच्छासे चाहना करत हए?” 參見章節परमेस्वर को सच्चो वचन5 ऐसो मत सोचौ कि सास्त्र मैं कोई सच्चाई ना है जो कहथै, “परमेस्वर हममैं जो आत्मा रखी है बौ भैंकर इच्छाओं से भरी है।” 參見章節 |
काहेकी हम फिर पहिले समयमे मुरख, परमेश्वरको आज्ञापालन नाए करन बारे, और आदमीनसे धोखा खाएभए हएं, और हम हर मेलके खराब काम करनके नाए छोडपात रहएं, जौनके हम करन चाँहत रहएं। अइसे करके हमके आनन्द मिलत रहए। और हम अपने समय खराब तरिकासे ब्यबहार करनमे और दुस्रे आदमीनसे डहा करनमे बितात रहएं। और हम घृणित आदमी रहएं; हर कोइ आदमी हमसे घृणा करत रहए, और हम बोसे घृणा करत रहएं।