एक आदमी जो जल्मतको लंगणा रहए बोके मन्दिरको फाटकमे लैजात रहएं। रोजदिन बोके जा फाटकके किनारे बैठाओ जात रहए, जा फाटकके सुथ्रो फाटकके नाउँसे चिन्हो जात रहए। जौन-जौन आदमी फाटक भितर जात रहएं, बो लंगणा हुवाँ बैठके बिनसे भिख माँगे करत रहए।
आदमी मोके सताइं, जौनको कारण मए बहुत पिर सहो, और तए अइसे भयानक चीजके बारेमे जानत हए, जो आदमी मेरे सँग पिसिदिया परदेशको एन्टिओखिया सहरमे, आइकोनियन सहरमे और लुस्त्रा सहरमे सताइं और कैसे मए हुवाँ सतावटके सहो, और बे सबसे प्रभु मोके बचाइ।