1 कोरिन्थी 6:1 - राना थारु नयाँ नियम1 जब तुम मैसे कोइ एक जनैके कोइ अन्य बिश्वासीके बिरुद्ध सहमत नाए होत हए, तओ तुमके कोइके अदालतमे नाए जान चाहो। तुमके अपने मण्डलीमे पबित्र आदमीनसे अपने मामलाके फैसला करनके ताहीं कहानके चाहो, कि तुम मैसे कौन सही हए। 參見章節परमेस्वर को सच्चो वचन1 का तुम मैं से कोई के पास इतनी हिम्मत है, की जब दुसरे संग लड़ाई होबै, तौ फैसला करन के ताहीं अधर्मियन के झोने जाबै; और पवित्र लोगन के झोने नाय जाबै? 參見章節 |
मए जा चिट्ठी तुमके पठाएरहो हओं, जो कोरिन्थ सहरमे भए परमेश्वरके मण्डली हएं, अर्थात् हम जे बात लिखत हएं, जौनके परमेश्वर अपने आदमीनके रुपमे अलग करीहए। बा तुमके ख्रीष्ट येशूमे एकजुटमे बाँधी हए, और बा तुमके पबित्र आदमी होनके बुलाइ हए; उइसीयए, जैसे परमेश्वर औ सब आदमीनके छानी हए, जौन हमरे ठिहामे हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको सेवा करत हए, काहेकी बा हमर सबको प्रभु हए।