1 कोरिन्थी 13:1 - राना थारु नयाँ नियम1 मए आदमीनको मेल-मेलको भाषनमे और स्वर्गदूतको भाषनमे मस्कत हओं; पर मए दुस्रेन्से प्रेम नाए करो कहेसे मए बोलो भओ बात व्यर्थ उँचो आवाजको झाँझके जैसो होबैगो। 參見章節परमेस्वर को सच्चो वचन1 मैं इंसानन और हिंयाँ तक कि स्वर्गदूतन कि भासा बोलन मैं सक्छम हुई सकथौं, लेकिन मन मैं प्यार ना है, तौ मैं गूँजत भौ घंटा या झनझनात भइ मंजीरा सो हौं। 參見章節 |
आत्मा, एक आदमीके चमत्कारको काम करनके शक्ति देतहए; दुस्रेके परमेश्वरको सन्देश मस्कनको बरदान; और कोइ दुस्रे जनैके पबित्र आत्मा ठिनसे आओ भओ और शैतानके ठिनसे आओ भओ बरदानके बारेमे फरक छुट्टयानको क्षमता देत हए। कोइ एक आदमीके फरक-फरक भाषनमे बात करनको बरदान देतहए जौन भाषाके बारेमे बे कभु अध्यान नाए करी हएं; बहे पबित्र आत्मा कोइ दुस्रे जनैनके फरक-फरक भाषामे बोलो भओ भाषक मतलब बतानको क्षमता देत हए। जौन भाषाके बारेमे बे कभु अध्यान नाए करी हएं।
मए चाँहत हओं, कि तुम सब फरक-फरक भाषामे बोलओ। पर जद्धासे-जद्धा तुम अगमबाणी बोलओ कहिके मए चाँहत हओं; काहेकी अगर अन्य भाषा बोलन बारो आदमी बोको ब्याख्या नाए करत हए कि बो मण्डलीमे बिश्वासीनके बिश्वासके पक्को बनानके ताहीं का कहात हए, कहेसे जौन आदमी परमेश्वरको सन्देशके परचार करत हए बो बहुत जद्धा महत्वपुर्ण काम करत हए।