प्रकाश 18:7 - परमेस्वर को सच्चो वचन7 जितनी बौ अपनी बड़ाँईं करी और सुख-विलास करी उतनिये बाकै दर्द, और दुख देबौ। काहैकि बौ अपने मन मैं कहथै: ‘हिंयाँ बैठी मैं एक रानी हौं! मैं बिधवा नहीं हूँ, और दुख मैं कभी नाय पड़ंगो!’ 參見章節राना थारु नयाँ नियम7 तए बोके नेहात्तओ बहुत पिडा और दुख दिबाबैगो, जो बोको बिलासी जीबन और बोको अपने प्रति घमण्डके बराबर हए। बो अपनएसे कही, ‘मए एक रानी कता आदमीनके उपर राज्य करंगो। मए एक बिधवा नाए हओं, और मए बिधुवापनको दुखको अनुभव कब्ही नाए करंगो। 參見章節 |