फिर एक और स्वर्गदूत, जोकै जौ आगी के ऊपर अधिकार रहै, बेदी मैं से आओ, और जोके पास पैनी दरांती रहै, बाकै तेज अबाज से पुकारी, “अपनी पैनी दरांती को उपयोग कर, और अंगूर की लार कै पृथ्वी की दाखरस की बारी से काट ले, काहैकि अंगूर पक गै हैं!”
फिर चौथो स्वर्गदूत तुरहई फूँकी। और सूरज को एक तिहाई, और जोनी को एक तिहाई, और तारन को एक तिहाई हिस्सा अंधियारे मैं हुई गौ, और एक तिहाई चमक उजियारो की चली गई; दिन को एक तिहाई और रात की एक तिहाई के चलते कोई उजियारो नाय रहो।